भगवान विश्वकर्मा की पूजा आज (17 सिंतबर) पूरा हिन्दुस्तान कर रहा है और उनके बारे में कहा जाता है कि अगर कोई उनकी शुद्ध मन से पूजा करता है तो तरक्की मिलती है। बताया जाता है कि उन्होंने देवताओं के महल, उनके घर और अस्त्र शस्त्र बनाए थे। वह देवताओं के शिल्कार थे। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को पूरी दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है।
विश्वकर्मा भगवान की पूजा खासकर कारोबारी और व्यवसायी करते हैं। वह अपने महलों, दुकानों व दफ्तरों में पूजा-अर्चना करवाते हैं ताकि सुख-समृद्धि मिल सके। पूजा करते समय भगवान विश्वकर्मा की ये आरती जरूर सुने और गावें ताकि आपकी मनोकामना पूर्ण हो सके।
विश्वकर्मा जी की आरती...
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…