लाइव न्यूज़ :

Karva Chauth 2019: सुहाग की रक्षा और सुखी दाम्पत्य के लिए करवा चौथ पर अपनाएं ये नियम, दूसरा वाला है बेहद खास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 12, 2019 07:13 IST

Karva Chauth vrat shubh muhura: करवाचौथ के दिन विवाहित महिलाएं गौरी और गणेश की विधि-विधान से पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।

Open in App
ठळक मुद्देकरवा चौथ पर गौरी और शिव की पूजा का खास महत्व है। पूजा में माता गौरी और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है।करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में पूरे दिन खाना और पीना वर्जित हो रहता है।

इस साल करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। जीवनभर अपनी सुहाग की रक्षा और सुखी दाम्पत्य के लिए पत्नियां अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत के अपने कुछ नियम और रीति-रिवाज हैं जो पत्नियां हर करवा चौथ पर अपनाती हैं। मान्यता है कि इन रीति रिवाज के बिना करवा चौथ का व्रत अधुरा माना जाता है। 

करवाचौथ के दिन विवाहित महिलाएं गौरी और गणेश की विधि-विधान से पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। करवा चौथ के यहां कुछ नियम हैं जिन्हें अपनाकर पत्नियां न केवल अपने सुहाग की रक्षा कर सकती हैं बल्कि सुखी दाम्पत्य बीताने का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकती हैं। 

सरगी से करें व्रत प्रारंभ

करवाचौथ का व्रत शुरू करने से पहले सरगी में आए खाने के समान को महिलाएं खाती हैं। इस दिन सरगी का बड़ा महत्व होता है। सरगी लेने का रिवाज सास के हाथों से होता है। अगर सास नहीं है तो बड़ी ननद या जेठानी के हाथों सरगी ली जाती है। सरगी की थाली में सबसे जरूरी होता है दूध और फेनियां। सेहत के हिसाब से गेंहूं के आटे से तैयार किया गया दूध-फेनिया प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा कॉम्बिनेशन होता है। इससे आपकी एनर्जी बनी रहती है। इसके अलावा सरगी में फल भी होता है जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। 

निर्जला व्रत का नियम

करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में पूरे दिन खाना और पीना वर्जित हो रहता है। मान्यता है कि व्रती इस कठोर व्रत से भगवान शिव और माता गौरी को खुश करते हैं। इस व्रत से भगवान शिव और पार्वती से सदा सुहागन और सुखी दाम्पत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होगा। हालांकि गर्भवती, बीमार और स्तनपान कराने वाली महिलाएं दूध, चाय, जल आदि ग्रहण कर सकती हैं।

शिव और गौरी की पूजा में पढ़ें मंत्र

करवा चौथ पर गौरी और शिव की पूजा का खास महत्व है। पूजा में माता गौरी और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है।

शिव-गौरी की मिट्टी की मूर्ति की पूजा विधि

करवा चौथ में पूजा के लिए शुद्ध पीली मिट्टी से शिव, गौरी और गणेश जी की मूर्ति बनाई जाती है। शाम के समय होने वाली इस पूजा में सभी विवाहित और उपवास रखने वाली महिलाएं एक-साथ बैठकर कथा कहती हैं। पूजा विधि की बात करें तो चौथ माता की स्थापित मूर्ति पर फूल-माला और कलावा चढाया जाता है जिसके बाद प्रतिमा के आगे करवा में जल भर कर रखा जाता है।

थाली फेरना का महत्व

करवा चौथ की कथा सुनने के बाद सभी महिलाएं सात बार थालियां फेरती हैं। थाली में वही सामान एवं पूजा सामग्री रखती हैं, जो बयाने में सास को दिया जाएगा। पूजा के बाद सास के चरण छूकर उन्हें बायना भेंट स्वरूप दिया जाता है।

टॅग्स :करवा चौथपूजा पाठहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय