Janaki Jayanti 2021: मार्च में जानकी जयंती कब है, जानिए इस दिन का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 3, 2021 14:27 IST2021-03-03T14:27:04+5:302021-03-03T14:27:04+5:30

जानकी जयंती को सीता अष्टमी या जानकी व्रत भी कहा जाता है। हर साल इसे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।

Janaki Jayanti 2021: Date, time significance and puja subh muhurat, puja vidhi | Janaki Jayanti 2021: मार्च में जानकी जयंती कब है, जानिए इस दिन का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Janaki Jayanti 2021: जानकी जयंती 6 मार्च को है

Highlightsफाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है जानकी जयंतीऐसी मान्यता है कि फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता सीता धरती पर प्रकट हुई थींमान्यताओं के अनुसार जानकी जयंती का व्रत करने वालों का वैवाहिक जीवन सुखद रहता है

Janaki Jayanti: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हर साल जानकी जयंती मनाई जाती है। इसे ही जानकी व्रत या सीता अष्टमी भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माता सीता धरती पर प्रकट हुई थीं। इस साल यानी 2021 की बात करें तो सीता अष्टमी 6 मार्च को पड़ रही है। यह दिन सुहागिनों के लिए काफी महत्व रखता है।

ऐसी मान्यता है कि सीता अष्टमी के दिन जो भी सुहागिन व्रत रखती है और माता सीता की पूजा करती है, उसका वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय रहता है। वैवाहित जीवन में अगर कोई परेशानी हो भी तो वह दूर हो जाती है। साथ ही जिन लड़कियों का विवाह नहीं हुआ है, वे भी अगर व्रत करें तो मनचाहा वर मिलता है।

Janaki Jayanti 2021: जानकी जयंती पूजा शुभ मुहूर्त

इस बार फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 5 मार्च को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर हो रही है। उदया तिथि के अनुसार ऐसे में जानकी जयंती 6 मार्च को मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का समापन 6 तारीख (शनिवार) को शाम 6 बजकर 10 मिनट पर हो रहा है।

रामायण की कथा के अनुसार माता सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के साथ हुआ था। उन्होंने एक पुत्री, और फिर पत्नी का जिस तरह कर्तव्य निभाया, इसलिए उन्हें नारियों में श्रेष्ठ कहा गया है। माता सीता ने अपने दोनों पुत्रों लव-कुश को भी वाल्मीकि के आश्रम में अच्छे संस्कार देकर उन्हें तेजस्वी बनाया।

Janaki Jayanti 2021: सीता अष्टमी का व्रत कैसे करें

सीता अष्टमी का व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान आदि के बाद माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा करें। व्रत का संकल्प लेकर व्रत शुरू करें। माता सीता को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। 

इनकी पूजा में पीले फूल, फल, वस्त्र आदि चढ़ाएं। साथ ही दूध-गुड़ से बने व्यंजन बनाएं और दान भी करें। शाम को पूजा करने के बाद इसी व्यंजन से व्रत खोलें।

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