महाभारत: जब युधिष्ठिर के सामने गिड़गिड़ाने लगा जयद्रथ, जानिए क्यों मांगने लगा अपने लिए मृत्युदंड
By मेघना वर्मा | Published: April 24, 2020 12:49 PM2020-04-24T12:49:41+5:302020-04-24T12:49:41+5:30
मान्यता है कि जब महाभारत के पांच पांडव वनवास की ओर निकले तो जयद्रथ ने द्रौपदी को शादी करने का प्रस्ताव दिया।
महाभारत के कई प्रसंग सुनने को मिलते हैं। हर प्रसंग से लोगों को कुछ नयी सीख मिलती है। अपने कर्मों और कर्तव्यों से जुड़ी बहुत सी शिक्षा लोगों को महाभारत पढ़कर या देखकर मिलती है। ऐसा ही एक प्रसंग मिलात है जयद्रथ और युधिष्ठिर के बीच।
मान्यता है कि जब महाभारत के पांच पांडव वनवास की ओर निकले तो जयद्रथ ने द्रौपदी को शादी करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन द्रौपदी ने उनके प्रस्ताव को मना कर दिया। जयद्रथ ने अपनी सारी हदें पार कर दी। इसके बाद द्रौपदी का अपहरण कर लिया।
द्रौपदी के अपहरण के बाद पांडवों को उनकी चिंता सताने लगी। युधिष्ठि भाई भीम और अर्जुन को द्रौपदी की तलाश करने को कहते हैं। दोना भाई इसके बाद द्रौपदी की तलाश करने लगते हैं। इसके बाद अर्जुन और भीम द्रौपदी को तलाश लेते हैं।
भीम, जयद्रथ को उसके कर्मों के लिए जमकर पीटते हैं। भीम का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि वो जयद्रथ की जान लेना चाहते हैं मगर उनके भाई अर्जुन उन्हें रोकते हैं और कहते हैं कि जयद्रथ के साथ क्या होना चाहिए इसका फैसला भाई युधिष्ठिर को करना चाहिए।
युधिष्ठिर, पांचाली से फैसला करने को कहते हैं। पांचाली ने जयद्रथ को दंड सुनाते हुए भीम से कहती हैं कि इसका सिर मोड दें और इसे अपना दास बना लें। इतना सुनते ही जयद्रथ, युधिष्ठीर के सामने गिड़-गिड़ाने लगता है और मृत्यु दंड की मांग करता है।
आखिर में जयद्रथ का सिर मोड़ कर 5 चोटियां छोड़ दी जाती हैं। इसके बाद युधिष्ठिर का पैर दबाने का आदेश मिलता है। बाद में युधिष्ठिर, जयद्रथ को उसने अपराधों से मुक्त कर क्षमा करते हैं।