बिहार-यूपी सहित देश भर के कई इलाकों में मनाये जाने वाले हरतालिका तीज व्रत की तैयारियां हर घर में शुरू हो गई है। मान्यताओं के अनुसार यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करती है। महिलाएं इस दिन नये वस्त्र पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और श्रृंगार आदि कर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। कई क्षेत्रों में इस मौके पर सास की ओर से बहू को नये कपड़े और जेवर आदि देने की परंपरा है। इस लिहाज से इन सभी चीजों की खरीदारी पहले से शुरू हो जाती है।
हर साल भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाये जाने वाला यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है। इसमें महिलाएं करीब 24 घंटे और कई मुहूर्त और तिथि के अनुसार उससे ज्यादा वक्त के लिए भी निर्जला रहती हैं। साथ ही वे अन्न भी ग्रहण नहीं करती हैं। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक माता पार्वती ने सबसे पहले हरतालिका तीज का व्रत रखा था जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में प्राप्त हुए।
Hartalika Teej 2019: हरतालिका तीज कब है?
हरतालिका तीज इस बार 1 सितंबर को पड़ रहा है। यह रविवार का दिन है। दरअसल, इसी तारीख को सुबह 8.27 बजे से भाद्र मास की तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी और यह 2 सितंबर को तड़के 4.57 बजे खत्म होगा। ऐसे में पूरा दिन बेहत शुभ रहने वाला है। हरतालिका तीज में मुख्य पूजा शाम को होती है। ऐसे में शाम का सबसे शुभ मुहूर्त 6.44 PM से रात 09.01 PM तक होगा।
Hartalika Teej 2019: हरतालिका तीज पर पूजा की विधि
हरतालिका तीज के दिन सुबह और शाम दोनों ही समय के पूजा को शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा से पहले स्नान आदि कर नये वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद मिट्टी से बनी भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की पूजा की जाती है। अगर ऐसा आप नहीं कर पाते तो उनकी फोटो को भी रखकर पूजा की जा सकती है। हरतालिका पूजा के लिए एक नया कपड़ा बिछाएं जिसपर शिव जी की मूर्ति या फोटो कुछ रख दें और फिर पूजा शुरू करें। सबसे पहले पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव को माता पार्वती को चंदन अर्पित करें। साथ ही फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई, बेलपत्र आदि उन्हें अर्पित करें। इसके बाद हरतालिका तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुने।