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Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती कब है? जानें सही तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त, मंत्र और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: April 15, 2024 15:49 IST

इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। प्रति वर्ष हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है जिसमें कई हिंदू मंदिरों में विभिन्न प्रकार की आध्यात्मिक चर्चाएं आयोजित की जाती हैं। 

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Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व है। जो हनुमान भक्तों के द्वारा भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह प्रभु श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी का जन्मदिवस होता है। उन्हें महान भारतीय महाकाव्य 'रामायण' के उत्कृष्ट नायकों में से एक माना जाता है।  हनुमान जयंती के त्योहार पर हनुमान के विविध पहलुओं को याद किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है जिसमें कई हिंदू मंदिरों में विभिन्न प्रकार की आध्यात्मिक चर्चाएं आयोजित की जाती हैं। 

हनुमान जयंती 2024 कब है?

हनुमान जयंती की तिथि: 23 अप्रैल 2024, मंगलवारपूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 अप्रैल 2024 को प्रातः 03:25 बजे सेपूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे

हनुमान जयंती की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।हनुमान जी की प्रतिमा को गंगा जल से शुद्ध करें।उनकी प्रतिमा के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। हनुमान जी को गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं।उन्हें मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

भगवान हनुमान का महत्व

भारतीय परंपराओं की प्रसिद्ध कहावत के अनुसार, यदि कोई चाहता है कि भगवान राम उसके सभी दुखों को दूर कर दें, तो भगवान तक केवल हनुमान के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है। इसलिए, यह त्योहार भगवान राम और हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उपयुक्त दिन है। भगवान राम के सार्वभौमिक भक्त भगवान हनुमान में अपार शक्ति महसूस की जा सकती है। वह व्यक्ति को आनंद प्रदान करता है और समस्याओं का नाश करता है। यह भी कहा जाता है कि हनुमान जयंती के दिन 'हनुमान चालीसा' का लगातार पाठ करने से दुख दूर करने और जादुई शक्तियां प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। वहीं इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने के साथ-साथ पूरे विधि-विधान से की गई हनुमान पूजा जीवन से समस्याओं को दूर करती है। 

ऐसे हुआ था हनुमानजी का जन्म

पौराणिक मान्यता के अनुसार, बजरंगबली भगवान शिव के 11वें रुद्रवतार हैं। हनुमान जी के पिता सुमेरू पर्वत के वानरराज राजा केसरी और माता अंजनी हैं। हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है और उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या नरेश राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए हवन कराया था। उन्होंने प्रसाद स्वरूप खीर अपनी तीन रानियों को खिलाया था। थोड़ी खीर एक कौआ लेकर उड़ गया। वहां पर पहुंचा, जहां माता अंजनी शिव तपस्या में लीन थीं। माता अंजनी को जब खीर प्राप्त हुई। उन्होंने भगवान शिवजी के प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया। उस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद हनुमान जी का जन्म हुआ। 

टॅग्स :हनुमान जयंतीHanuman Chalisaहिंदू त्योहार
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