Hanuman Jayanti 2022 Date: हनुमान जयंती कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और कथा

By रुस्तम राणा | Updated: April 12, 2022 14:17 IST2022-04-12T14:17:53+5:302022-04-12T14:17:53+5:30

इस बार 16 अप्रैल, शनिवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा को प्रतिवर्ष हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।

Hanuman jayanti 2022 Date shubh muhurat, puja vidhi significance and story | Hanuman Jayanti 2022 Date: हनुमान जयंती कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और कथा

Hanuman Jayanti 2022 Date: हनुमान जयंती कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और कथा

Hanuman Jayanti 2022 Date:हनुमान जयंती भगवान श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है और इस बार 16 अप्रैल, शनिवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। इस दिन उनकी विशेष पूजा होती है, क्योंकि यह दिन हनुमान जी की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन लोग पवन पुत्र हनुमान जी का आशीर्वाद एवं संकटों से मुक्ति पाने के लिए व्रत रखते हैं। आइए जानते हैं हनुमान जयंती के बारे में सबकुछ।

हनुमान जयंती 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 16 अप्रैल, शनिवार को प्रातः 02.25 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि का समापन - 17 अप्रैल, रविवार रात 12.24 मिनट पर

बन रहा है शुभ संयोग

इस वर्ष हनुमान जयंती पर रवि योग बन रहा है। शास्त्रों में इस योग को श्रेष्ठ माना गया है। रवि-योग को सूर्य का विशेष प्रभाव प्राप्त होने के कारण प्रभावशाली योग माना जाता है। सूर्य की ऊर्जा होने से इस योग में किया गया कार्य में सफलता मिलती है। इस बार 16 अप्रैल को हस्त नक्षत्र सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है। इसके बाद चित्रा नक्षत्र आरंभ होगा।

हनुमान जयंती की पूजा विधि

इस सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
हनुमान जी की प्रतिमा को गंगा जल से शुद्ध करें।
उनकी प्रतिमा के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। 
हनुमान जी को गेंदे, हजारा, कनेर, गुलाब के फूल चढ़ाएं।
उन्हें मालपुआ, लड्डू, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

हनुमान जी के जन्म की कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, पवनपुत्र भगवान शिव के 11वें रुद्रवतार हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या नरेश राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए हवन कराया था। उन्होंने प्रसाद स्वरूप खीर अपनी तीन रानियों को खिलाया था। थोड़ी खीर एक कौआ लेकर उड़ गया। वहां पर पहुंचा, जहां माता अंजना शिव तपस्या में लीन थीं। माता अंजना को जब खीर प्राप्त हुई। उन्होंने भगवान शिवजी के प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया। उस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद हनुमान जी का जन्म हुआ। हनुमान जी को मारुति, अंजनी पुत्र, केसरीनंदन, शंकरसुवन, बजरंगबली, कपिश्रेष्ठ, रामदूत आदि नामों से भी जाना जाता है।

Web Title: Hanuman jayanti 2022 Date shubh muhurat, puja vidhi significance and story

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे