बजरंग बली का ऐसा मंदिर आपने कहीं नहीं देखा होगा! निद्रा अवस्था में हैं यहां भगवान, नाभि से निकलता रहता है जल

By विनीत कुमार | Published: March 19, 2020 10:59 AM2020-03-19T10:59:54+5:302020-03-19T11:03:41+5:30

Jamsawali Temple: यह मंदिर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के सौसर में स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं रामायण काल से भी जुड़ी हैं।

Hanuman Jamsawali Temple in Madhya pradesh and story behind it | बजरंग बली का ऐसा मंदिर आपने कहीं नहीं देखा होगा! निद्रा अवस्था में हैं यहां भगवान, नाभि से निकलता रहता है जल

मध्य प्रदेश का जामसांवली मंदिर, निद्रा अवस्था में हैं यहां बजरंग बली

Highlightsछिंदवाड़ा में मौजूद है हनुमान जी का अद्भुत मंदिर, जामसांवली मंदिर नाम से है मशहूरजामसांवली मंदिर की स्थापना को लेकर कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं, बड़ी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु

भारत में शायद ही ऐसा कोई शहर या कस्बा हो जहां हनुमानी जी का मंदिर मौजूद नहीं हो। श्रीराम भक्त हनुमान को कलियुग का देवता भी कहा गया है। मान्यता है कि वे आज भी धरती पर मौजूद हैं और जहां भी राम कथा का आयोजन होता है, वे वहां पहुंच जाते हैं। 

यही कारण है कि राम कथा की जगह पर एक स्थान खाली छोड़ा जाता है। बहरहाल, आज हम आपको मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद खास है। इस मंदिर की खास बात ये है कि हनुमान जी यहां विश्राम अवस्था में विराजमान हैं। ये जामसांवली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

Jamsawali Temple Hanuman Mandir: मध्य प्रदेश का जामसांवली मंदिर

इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति निद्रा अवस्था में है। ऐसी किवदंति है कि सालों पहले यहां चोरी करने के लिए कुछ चोर पहुंचे थे। उन्हें पता चला कि इस प्रतिमा के नीचे बहुत धन है। उस समय ये मूर्ति खड़ी अवस्था में थी। चोरों ने तब मूर्ति हटाने का प्रयास किया। इसी दौरान सामग्री को चोरी से बचाने के लिए हनुमान जी की मूर्ति लेट गई। 

इसके बाद इसे कोई भी नहीं हिला सका। ये मूर्ति करीब 15 फीट की है। पौराणिक कथा के अनुसार त्रेतायुग में हनुमान यहां रूके भी थे। दरअसल, लक्ष्मण जी के मूर्छित होने के बाद संजीवन बूटी लाते समय हनुमान जी यहां कुछ समय के लिए रूके थे।

मंदिर स्थापना का कोई तथ्य मौजूद नहीं

स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर की स्थापना कब हुई, इसे लेकर कोई ठोस तथ्य या प्रमाण मौजूद नहीं हैं। वहीं, शासकीय दस्तावेजों के अनुसार मंदिर करीब 100 साल पुराना है। यहां सबसे श्रद्धालु मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से पहुंचते हैं।

मूर्ति की नाभि से निकलता है जल

इस मंदिर की एक और खास बात ये भी है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति की नाभि से जल निकलता है। भक्त इसे प्रसाद के रूप में लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसे पीने से चर्म रोग नहीं होते और दूसरे रोगों से भी छुटकारा मिलता है। 

ऐसी भी मान्यता है कि यहां पहुंचने से भूत-बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। कष्टों से गुजर रहे कई भक्त यहां सवा महीने तक रूकते हैं और हनुमान जी की सेवा करते हैं। विशेष अनुष्ठानों में शामिल होने से भी अच्छे फल की प्राप्ति होती है।

Web Title: Hanuman Jamsawali Temple in Madhya pradesh and story behind it

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