Grahan 2023: साल 2023 में लगेंगे कुल 4 ग्रहण, जानें भारत में दिखेगा या नहीं, यहां देखें किस माह और कब
By बृजेश परमार | Updated: January 4, 2023 20:36 IST2023-01-04T20:35:06+5:302023-01-04T20:36:31+5:30
Grahan 2023: शासकीय जीवाजी वेधशाला, उज्जैन के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर पी गुप्त के अनुसार वर्ष 2023 में 4 गृहण रहेंगे। वेधशाला का 1942 से अपना एक पंचांग प्रकाशित होता है।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने की उम्मीद है। (file photo)
Grahan 2023: साल 2023 की शुरुआत हो चुकी है। इस साल भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने की उम्मीद है। इस साल दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। इनमें से भारत में दो दिखाई देंगे और दो नहीं।
एक ग्रहण को दिखने के बाद भी ग्रहण की मान्यता नहीं दी गई है। ग्रहण की शुरुआत 23 अप्रैल पूर्ण सूर्यगृहण (पहला) से होगी। इसके बाद 5 एवं 6 मई की रात प्रतिच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। 14 -15 मई को दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। 28-29 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण (दूसरा) होगा।
शासकीय जीवाजी वेधशाला, उज्जैन के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर पी गुप्त के अनुसार वर्ष 2023 में 4 गृहण रहेंगे। वेधशाला का 1942 से अपना एक पंचांग प्रकाशित होता है। यह पंचांग बाजार के पंचांगों से हटकर वर्षभर गृहों की स्थिति को दर्शाता है। गृहों की युति खगोलीय घटनाक्रमों की जानकारी से भरा रहता है।
1.पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह 23 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में भारत को छोड़कर अंटार्कटिका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण हिंद महासागर, इण्डोनेशिया, फिलीपिंस एवं दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। कुछ स्थानों पर यह 100 प्रतिशत दिखाई देगा।
2. दूसरा ग्रहण प्रतिच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। 5 एवं 6 मई की दरमियानी रात को यह ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण कुछ स्थानों पर 98 प्रतिशत तक दिखेगा। चूंकि खगोल शास्त्र में माना गया है कि प्रतिच्छाया ग्रहण में चंद्रमा का कोई भी भाग पृथ्वी को वास्तविक छाया से नहीं ढंकता है। इसलिए इसे ग्रहण के रूप में मान्यता नहीं है। हालांकि इस ग्रहण को उज्जैन में रात्रि 10 बजकर 42 मिनिट 3 सेकेंड से मध्य रात्रि 1 बजकर 3 मिनिट 7 सेकण्ड तक देखा जा सकेगा।
3. तीसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा, जोकि 14 -15 मई की दरमियानी रात को लगेगा। यह कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह केवल हवाई, उत्तर एवं दक्षिणी अमेरिका,मध्य अमेरिका,उत्तरी अफ्रीका, अटलांटिक एवं प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इनके कुछ स्थानों पर यह 98 प्रतिशत तक दिखाई देगा।
4. इस वर्ष का चौथा एवं अंतिम ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। यह 28-29 अक्टोबर की दरमियानी रात को दिखेगा। यह ग्रहण उज्जैन में दिखेगा। उज्जैन में रात्रि 1 बजकर 4 मिनिट 8 सेकण्ड से मध्य रात्रि 2 बजकर 23 मिनिट 5 सेकण्ड तक देखा जा सकेगा। पश्चिमी प्रशांत महासागर,एशिया,यूरोप,अफ्रीका, दक्षिण पूर्व अमेरिका, उत्तर पूर्व अमेरिका,अटलांटिक महासागर,हिंद महासागर क्षेत्र में दिखेगा।
गौरतलब है कि उज्जैन शहर के दक्षिण की ओर क्षिप्रा नदी के पास जयसिंहपुर नामक स्थान में बना यह प्रेक्षा गृह "जंतर महल' के नाम से जाना जाता है। इसे जयपुर के महाराजा जयसिंह ने सन् 1733 ई. में बनवाया था। उन दिनों वे मालवा के प्रशासन नियुक्त हुए थे। इसका निर्माण 1725 ई. में शुरू हुआ था। कालांतर में इस वेधशाला का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है।
