Ganga Dussehra 2020: कब है गंगा दशहरा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और हस्त नक्षत्र का समय
By मेघना वर्मा | Updated: May 28, 2020 15:59 IST2020-05-09T11:38:51+5:302020-05-28T15:59:34+5:30
हर साल गंगा के इसी पर्व गंगा दशहरा को लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा का आगमन धरती पर हुआ था।

Ganga Dussehra 2020: कब है गंगा दशहरा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और हस्त नक्षत्र का समय
हिन्दू धर्म में गंगा को देवों की नदी कहा जाता है। मान्यता है कि इसमें एक बार स्नान करने से सभी तरह के पापों का नाश होता है। हर साल गंगा के इसी पर्व गंगा दशहरा को लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा का आगमन धरती पर हुआ था।
गंगा दशहरा वाले दिन लोग मां गंगा की पूजा करते हैं। काशी, हरिद्वार और प्रयाग के घाटों पर गंगा में डुबकी लगाने जाते हैं। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा करना ना तो संभव है और ना ही उचित। गंगा दशहरा वाले दिन दान-पुण्य का भी अपना अलग महत्व माना जाता है। आइए आपको बताते हैं इस साल कब है गंगा दशहरा-
गंगा दशहरा तिथि व मुहूर्त 2020
दशमी तिथि प्रारंभ - 31 मई 2020 को 05:36 बजे शाम
दशमी तिथि समाप्त - 01 जून को 02:57 बजे शाम
हस्त नक्षत्र प्रारंभ- 01 जून को 3 बजकर एक मिनट पर सुबह
हस्त नक्षत्र समाप्त- 02 जून को 01 बजकर 18 मिनट, सुबह
दस पापों का करता है नाश
गंगा दशहरा, दस शुभ वैदिक गणनाओं के लिए मनाया जाता है जो विचारों, भाषण और कार्यों से जुड़े दस पापों को धोने की गंगा की क्षमता को दर्शाता है। दस वैदिक गणनाओं में ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दसवां दिन, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, सिद्ध योग, गर-आनंद यौग और कन्या राशि में चंद्रमा और वृष राशि में सूर्य शामिल हैं। मान्यता ऐसी है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
लॉकडाउन में ऐसे करें गंगा दशहरा की पूजा
1. इस लॉकडाउन के बीच आपका गंगा घाट पर जाना उचित नहीं इसलिए घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
2. स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. स्नान के दौरान ऊं नम: शिवाय नारायण्यै दशहराय गंगाय नम: का जाप करें।
4. इस दिन 10 अंका का विशेष महत्व है।
5. पूजा करते समय सभी सामग्रियों को 10 की मात्रा में चढ़ाएं।
6. जैसे 10 फूल, 10 दीपक, 10 फल आदि।
गंगा दशहरा पर क्या दान करें
गंगा दशहरा पर शीतलता देने वाली चीजों का दान करना चाहिए। इसमें ठंडे फल, पंखा, मटका ,सत्तू का दान आदि कर सकते हैं। इस दिन घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा सुन सकते हैं।


