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Ganga Dassehra 2019: गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है और कैसे करें पूजा-अर्चना, जानें इसका महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 12, 2019 08:31 IST

गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इस वजह से पूरे देश में इस दिन गंगा नदी के आसपास काफी भीड़ हो जाती है। पूजा करने वालों को इस दिन सूर्य उदय होने से पहले जगना चाहिए और गंगा नदी में जाकर स्नान करना चाहिए।

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ठळक मुद्देहिंदू मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन का है विशेष महत्व गंगा दशहरा के दिन साधक गंगा में स्नान करते हैं और पूजा करने के बाद दान देते हैंमान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही गंगा धरती पर उतरी थीं

गंगा दशहरा का त्योहार हर साल ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर धरती पर आई थीं। इसके बाद से इस दिन मां गंगा की पूजा की परंपरा शुरू हुई। इस बार यानी की साल 2019 में गंगा दशहरा आज 12 जून (बुधवार) को पड़ा रहा है।

हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा में स्नान करने और मां गांगा पूजा करने से दस तरह के पाप धुल जाते हैं। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में उतर कर पूजन करता है और गंगा की अराधना करता है तो उसे पापों से मुक्ति मिलती है उसकी सभी समस्याएं भी दूर होती हैं।

गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है 

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए लंबी और कठिन तपस्या की। इसके बाद वह गंगा को धरती पर लाने में कामयाब रहे। हालांकि, मां गंगा का वेग इतना अधिक था कि वे सीधे स्वर्ग से धरती पर आतीं तो पाताल में चली जाती। इस वेग को कम करने के लिए सभी ने भगवान शिव की अराधना की थी।

इसके बाद भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को धारण किया और गंगा कैलाश होती हुई धरती पर आईं। मान्यता है कि ज्येष्ठ मास की दशमी को ही गंगा धरती पर आईं थी, इसके बाद से इस दिन गंगा दशहरा मनाने की परंपरा शुरू हुई। वैसे गंगा दशहरा का पर्व 10 दिन पहले से ही शुरू होता है। इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पहली तारीख (4 जून) से गंगा दशहरा का पर्व शुरू हो रहा है और 12 जून तक जारी रहेगा।

Ganga Dassehra 2019: गंगा दशहरा के दिन कैसे करें मां गंगा की अराधना

इस दिन गंगा नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इस वजह से पूरे देश में इस दिन गंगा नदी के आसपास काफी भीड़ हो जाती है। पूजा करने वालों को इस दिन सूर्य उदय होने से पहले जगना चाहिए और गंगा नदी में जाकर स्नान करना चाहिए। अगर आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर सके तो भी किसी पवित्र नदी में स्नान कर मां गंगा का ध्यान करना चाहिए। 

पूजा के दौरान साधक को लगातार मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय नारायण्यै दशहराय गंगाय नम:’ का जाप करना चाहिए। एक खास बात ये भी है कि गंगा दशहरा में 10 की संख्या का काफी महत्व होता है। ऐसे में पूजा में आप जिस चीज का भी इस्तेमाल करते हैं, उसकी संख्या 10 जरूर होनी चाहिए। उदाहरण के लिए आप 10 दीपों, 10 प्रकार के फूल, दस प्रकार के नैवेद्य, दस प्रकार के फल आदि का इस्तेमाल करें। इसके बाद श्रद्धा के अनुसार गरीब या ब्राह्मण को दान करें।

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