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Ganga Dussehra 2019: गंगा दशहरा आज, इस मौके पर 10 प्रकार की वस्तुओं से ऐसे करें पूजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 12, 2019 08:28 IST

गंगा दशहरा के दिन साधक को तड़के उठकर गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दौरान मां गंगा का ध्यान करें और 10 प्रकार की वस्तुओं से पूजन करें।

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ठळक मुद्देगंगा दशहरा-2019 इस बार 12 जून को, गंगा नदी में स्नान का इस दिन विशेष महत्वमान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन मां गंगा धरती पर आई थीं। गंगा दशहरा पर दस प्रकार की वस्तुओं से पूजन का विशेष महत्व

गंगा दशहरा का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। ये एक ऐसा त्योहार है जिस दिन गंगा नदी में स्नान करने का महत्व विशेष रूप से काफी बढ़ जाता है। देश भर में लोग गंगा और दूसरी पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं और पापों को धोने की कोशिश करते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगीरथ के अथक प्रयास से मां गंगा धरती पर आई थीं।

हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा में स्नान करने और मां गांगा पूजा करने से दस तरह के पाप धुलते हैं। साथ ही जो व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में उतर कर पूजन करता है और मां गंगा की अराधना करता है, उसकी सभी समस्याएं भी दूर होती हैं। वैसे इस दिन, 10 प्रकार की वस्तुओं से मां गंगा के पूजन का विशेष महत्व हैं, आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे।

Ganga Dussehra 2019: गंगा दशहरा कब है और क्या कहानी 

इस बार गंगा दशहरा का त्योहार 12 जून (बुधवार) को पड़ रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा का त्योहार हर साल ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। कहा जाता है कि भगीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए लंबी और कठिन तपस्या की थी। इसके बाद वह गंगा को धरती पर लाने में कामयाब रहे। 

हालांकि, मां गंगा का वेग इतना अधिक था कि वे सीधे स्वर्ग से धरती पर आतीं तो पाताल में चली जातीं। इस वेग को कम करने के लिए सभी ने भगवान शिव की अराधना की। इसके बाद भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को धारण किया और गंगा कैलाश होती हुई धरती पर आईं।  

Ganga Dussehra 2019: गंगा दशहरा पर दस प्रकार की वस्तुओं से पूजन का विशेष महत्व

गंगा दशहरा के दिन साधक को तड़के उठकर गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दौरान मां गंगा का ध्यान करें। साधक को लगातार मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय नारायण्यै दशहराय गंगाय नम:’ का जाप करना चाहिए। साथ ही ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु' मंत्र का भी जाप करें।

इस दिन यानी गंगा दशहरा के मौके पर 10 की संख्या का महत्व बेहद विशेष हो जाता है। इसके मायने ये हुए आप पूजा में जिन वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं, उसकी संख्या 10 जरूर होनी चाहिए। मसलन, आप 10 दीपों, 10 प्रकार के फूल, दस प्रकार के नैवेद्य, दस प्रकार के फल, 10 पान के फल आदि का इस्तेमाल जरूर करें।  

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