Dhanteras 2018: (धनत्रयोदशी 2018) शुभ संकेत के साथ आया है यह त्यौहार, इस समय करें खरीददारी तो मिलेगी उन्नति
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 5, 2018 09:52 IST2018-11-05T09:50:27+5:302018-11-05T09:52:15+5:30
सोम प्रदोष के साथ हस्त नक्षत्र का संयोग मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और यमराज का होगा पूजन!

Dhanteras 2018: (धनत्रयोदशी 2018) शुभ संकेत के साथ आया है यह त्यौहार, इस समय करें खरीददारी तो मिलेगी उन्नति
नागपुर, 05 नवंबर। लोस सेवा धनत्रयोदशी के पर्व के साथ ही 5 नवंबर से दीपों के पर्व का शुभारंभ हो रहा है. कई शुभ संकेत इस बार यह पर्व लेकर आया है. ज्योतिषियों के अनुसार व्यापार क्षेत्र में उन्नति के योग बन रहे हैं. धनतेरस की बात करें तो इस दिन सुबह से ही सोम प्रदोष के साथ हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है. यह संयोग शुभ फलदायी होगा. मां लक्ष्मी के साथ-साथ देवता कुबेर और यमराज का पूजन घरों और प्रतिष्ठानों में किया जाएगा. चांदी, शुभ्र वस्तुएं, चमकीली वस्तुएं, धातुएं, भूमि, वाहन आदि अनुबूझे मुहूर्त पर खरीदी उत्तम फल प्रदान करेगी. इसके अलावा व्यापारी इस दिन शुभ मुहूर्त पर बहीखातों की खरीदी करेंगे. दिवाली पर पूजन के साथ नए बहीखातों का शुभारंभ होगा. पं. उमेश तिवारी के अनुसार सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है और प्रदोष से इसकी महत्ता बढ़ जाती है. हस्त नक्षत्र खरीदी के उत्तम मुहूर्त में से एक है. राहुकाल का समापन भी सुबह हो रहा है. ऐसे में पूरा दिन खरीदी के लिए उत्तम है. यदि विशेष मुहूर्त की बात करें तो शाम 4:30 से 6:30 बजे तक है. इसके अलावा स्थित लग्न वृषभ शाम 6:10 बजे से 8:04 बजे तक है. इसके अलावा खरीदी का शुभ मुहूर्त प्रात: 9 बजकर 5 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट तक, दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक भी है.
दीपों का करें दान:
मान्यता के अनुसार यमराज, यमुना के भाई हैं. यमुना ने एक बार यमराज से पूछा कि लोगों को अल्पायु या अकाल मौत से बचने के लिए क्या करना चाहिए तो यमराज ने कहा कि कोई व्यक्ति मेरे निमित्त चौमुखी दीपक जलाकर उसे अनाज के ऊपर रखकर दान करे तो उसे अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलेगी. इस मान्यता को लेकर धनत्रयोदशी के दिन दीपदान या यमुना नदी में दीपक प्रवाहित करने की परंपरा है. आयुर्वेद प्रतिष्ठानों में धन्वंतरि जयंती विष्णु पुराण के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान चार भुजाओं वाले भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर संसार को रोगों से मुक्त करने के लिए उत्पन्न हुए थे. उनके बाद ही भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का प्रारंभ हुआ. धनत्रयोदशी पर भगवान धन्वंतरि की भी पूजा-अर्चना होगी. नागपुर में सभी आयुर्वेद संस्थाओं, दवा दुकानों, अस्पतालों और आयुर्वेद औषधि उत्पादक प्रतिष्ठानों में धन्वंतरि जयंती को स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा. कई स्थानों में आयुर्वेद चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा. नरक चतुर्दशी व हनुमान जयंती कल नरक चतुर्दशी मंगलवार, 6 नवंबर को मनाई जाएगी. यह भी विशेष संयोग होगा. इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है और मंगलवार होने से इसका महत्व और बढ़ गया है. नरक चतुर्दशी को प्रात: तेल, उबटन से स्नान करें एवं शाम को हनुमानजी की आराधना करें.