लाइव न्यूज़ :

Devshayani Ekadashi 2023: कब है देवशयनी एकादशी? 4 माह तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य

By रुस्तम राणा | Updated: June 9, 2023 15:01 IST

दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार 29 जून को देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।

Open in App

Devshayani Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में देवशयनी एकदशी का बड़ा महत्व है। इसे हरिशयनी एकादशी भी कहा गया है। शास्त्रों में इस एकादशी को सौभाग्य प्रदान करने वाली एकादशी बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार 29 जून को देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाएगा।

चार माह तक निद्रासन में होंगे जगत के विष्णु भगवान

आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी से भगवान विष्णु अगले चार महीने (आषाढ़, भाद्रपद आश्विन और कार्तिक) के लिए शयन करने भी चले जाते हैं। इसी एकादशी से ही चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान कोई मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। कार्तिक मास में पड़ने देवउठनी एकादशी के बाद एक बार फिर मंगल कार्य शुरू कर दिए जाते हैं।

देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मा​ह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 29 जून दिन गुरुवार को तड़के 03 बजकर 18 मिनट पर होगी। यह तिथि अगले दिन 30 जून शुक्रवार को रात्रि 02 बजकर 42 मिनट तक मान्य रहेगी। व्रत का पारण का समय 30 जून को दोपहर 1 बजकर 48 मिनट से शाम 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

देवशयनी एकादशी की पूजा विधि

देवशयनी एकादशी करने वाले साधक को एक दिन पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। उसे एक दिन पहले सात्विक भोजन करना चाहिए। साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन किया जाना चाहिए। इस दिन साधक को तड़के उठ जाना चाहिए और घर-मंदिर आदि की साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

इस दिन साधक को पूजा ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को स्नान कराये और नये वस्त्र पहनाएं। भगवान विष्णु की पूजा इस दिन शयन अवस्था में की जाती है। भगवान के सामने घी के दीपक जलाएं और सफेल फूल उन्हें अर्पित करें। इस दिन पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ का भी विशेष महत्व है।

देवशयनी एकादशी का महत्व

देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। चार माह के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इन चार माह तक जगत के पालनहार की अनुपस्थिति में विवाह, सगाई, मुंडन आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। 

टॅग्स :एकादशीहिंदू त्योहारभगवान विष्णु
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय