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Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी पर इस बार अनोखा संयोग, नारायण के साथ माता लक्ष्मी की भी मिलेगी कृपा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 11, 2019 15:22 IST

देवशयनी एकादशी 2019: इस बार देवशयनी एकादशी के मौके पर सबसे बड़ा संयोग ये बना है कि यह शुक्रवार को पड़ रहा है। शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है।

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ठळक मुद्देदेवशयनी एकादशी-2019 को तीन अनोखे संयोग बना रहे हैं और शुभदेवशयनी एकादशी इस बार शुक्रवार को, देवप्रबोधनी एकादशी भी इस बार शुक्रवार को पड़ेगा

देवशयनी एकादशी व्रत के शुक्रवार (12 जुलाई) को होने के साथ ही अगले चार महीने के लिए शुभ और मंगल कार्य बंद हो जाएंगे। ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं। वैसे, इस बार देवशयनी एकादशी के दिन कई शुभ और अनोखे संयोग बन रहे हैं, जो इसका महत्व कई गुणा बढ़ा रहे हैं। देवशयनी एकादशी की निद्रा के बाद जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन जगते हैं। इन चार महीनों को चतुर्मास भी कहते हैं।

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी पर शुक्र का अनोखा संयोग

इस बार देवशयनी एकादशी के मौके पर सबसे बड़ा संयोग ये बना है कि यह शुक्रवार को पड़ रहा है। शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसे में भगवान विष्णु शुक्रवार को योगनिद्रा में जाएंगे और कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी) को जगेंगे। देवउठनी का दिन इस साल 8 नवंबर को पड़ रहा है। खास बात ये है कि देवउठनी या देवप्रबोधनी एकादशी भी इस साल शुक्रवार को ही पड़ रहा है। ऐसे में इन चार महीनों में शुक्रवार को नाराणय और लक्ष्मी की पूजा बेहद शुभ रहेगी।

इस बाद देवशयनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि का शुभ योग भी बन रहा है। यह दोपहर 3.57 से शुरू होगा और अगले दिन सुबह तक होगा। इस वजह से इन दिन भगवान विष्णु के पूजान का महत्व और बढ़ जाता है। यही नहीं, देवशयनी एकादशी पर शुभ रवि का भी योग बन रहा है। शुभ रवि कई अशुभ योगों के प्रभाव को दूर करता है। माना गया है कि इस योग में कर्ज से परेशान लोगों को मुक्ति मिलती है और किसी बीमारी का इलाज भी सफलतापूर्वक होता है।

Devshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी 11 जुलाई को रात 3.08 बजे से 12 जुलाई की रात 1.55 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल शाम 5.30 से 7.30 तक होगा। साधक व्रत का पारण 13 जुलाई को सूर्योदय के बाद कर सकेंगे। देवशयनी एकादशी से सूर्य भी दक्षिणायन में चले जाते हैं। 

टॅग्स :एकादशीभगवान विष्णुमां लक्ष्मी
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