नागपुर, 12 नवंबर: देवउठनी एकादशी 19 नवंबर को है, लेकिन मांगलिक कार्य का शुभ मुहूर्त नहीं है. दिसंबर में भी केवल तीन दिन ही मुहूर्त होने के कारण 2 जनवरी 2019 से ही शहनाइयों की गूंज सुनाई पड़ेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र तारा अस्त होने की वजह से मुहूर्त की कमी है.
दिसंबर महीने में भी केवल 8, 15 व 16 तारीख को मांगलिक कार्य का योग है. इस संबंध में पं. उमेश तिवारी ने बताया कि देवउठनी एकादशी 19 नवंबर को है, लेकिन तारा अस्त होने की वजह से इसके तुरंत बाद विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है. ज्योतिषियों के अनुसार विवाह मुहूर्त का शोधन करते समय त्रिबल शुद्धि के साथ गुरु-शुक्रास्त का भी विचार करना आवश्यक होता है. इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दांपत्य के लिए हानिकारक माना गया है.
विवाह मुहूर्त निकालते समय यदि गुरु व शुक्र अस्त प्रारूप में हों तो विवाह शुभ नहीं माना जाता. गुरु व शुक्र के उदय के बाद दिसंबर 2018 में शुभ मुहूर्त होगा. 16 दिसंबर के बाद पौष माह शुरू होगा. इसमें भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे. जनवरी 2019 से विवाह के योग हैं. इसके बाद 15 मार्च 2019 से मीन राशि के सूर्य होने पर खरमास में मुहूर्त नहीं है. 14 अप्रैल तक वैवाहिक कार्य नहीं होंगे. गौरतलब है कि देवशयनी एकादशी पर 23 जुलाई से मांगलिक कार्य बंद हो गए थे.
जनवरी से मार्च 2019 तक 34 मुहूर्त वर्ष 2019 में जनवरी से मार्च तक कुल 34 शुभ मुहूर्त हैं. जनवरी में जहां 11 मुहूर्त हैं, फरवरी में 16 और मार्च में केवल 7 ही मुहूर्त हैं. इसमें जनवरी में 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 और 31 तारीख शुभ हैं. फरवरी 28 दिनों की है और इसमें 16 मुहूर्त हैं. 1, 2, 3, 8, 9, 10, 13, 14, 15, 19, 21, 22, 23, 24, 25 और 28 फरवरी को मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. मार्च में 2, 7, 8, 9, 12, 13 और 14 की तिथियां शुभ हैं.