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Dev Deepawali 2019: आज है देव दीपावली, जानें चौघड़िया मुहूर्त और पूजा विधि

By मेघना वर्मा | Updated: November 12, 2019 08:03 IST

इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। साथ ही इस दिन दीपों का दान किया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार इंसान दिवाली पर दीये जलाता है उसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता भी दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं।

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ठळक मुद्देदेशभर में आज दीप दान का महापर्व देव दीपावली मनाई जा रही है।देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं।

देशभर में आज देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन को हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष को आने वाली इस पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है। खासकर वारणसी में इस त्योहार की अलग ही छठा देखने को मिलती है। 

देव दीपावली को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन एक बार फिर से पूरी नगरी दीयों की जगमगाहट से रोशन हो जाती है। इसे देवों की दीपावली भी कहा जाता है। साथ ही इस दिन दीपों का दान किया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार इंसान दिवाली पर दीये जलाता है उसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता भी दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं। इसीलिए इसका नाम देव दीपावली रखा गया है।

देव दीपावली के दिन ना सिर्फ दीपों को जलाने का चलन है बल्कि इस दिन दान-पुण्य को भी सबसे बेहतरीन माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं क्या है इस बार देव दीपावली का शुभ मुहूर्त और चौघड़िया मुहूर्त।

देव दीपावली का शुभ मुहूर्त

देव दीपावली 2019 तिथि- 12 नवंबर 2019

शुभ मुहूर्त

देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त - शाम 5 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शाम 6 बजकर 2 मिनट से (11 नवंबर 2019) पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 7 बजकर 4 मिनट तक (12 नवंबर 2019)

देव दीपावली पर चौघड़िया मुहूर्त

प्रात काल चौघड़िया मुहूर्त - 06:44 AMसांय काल चौघड़िया मुहूर्त - 05:38 PM

देव दीपावली की पूजा विधि

1. देव दीपावली के दिन शाम को गंगा पूजन किया जाता है। 2. गंगा पूजन के बाद घाट पर अधिक से अधिक दीपों को जलाया जाता है। 3. उन दीपकों के प्रकाश से पूरी काशी और वहां के घाट जगमग हो जाते हैं। 4. इस दिन श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा सुनना चाहिए। 5. वहीं शाम के समय मन्दिरों, चौराहों, गलियों, पीपल के वृक्षों तथा तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाए जाते हैं। 6. कार्तिक पू​र्णिमा के दिन गंगा जी को दीपदान भी किया जाता है।

टॅग्स :देव दीपावलीपूजा पाठहिंदू त्योहार
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