Christmas 2019: क्रिसमस पर क्यों सजाया जाता है क्रिसमस ट्री? जानिए इससे जुड़ी कुछ रोचक मान्यताएं
By मेघना वर्मा | Updated: December 16, 2019 15:04 IST2019-12-16T13:12:53+5:302019-12-16T15:04:00+5:30
देश सहित पूरे विश्व में 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाएगा। इस तैयारियों से पूरा बाजार भी इन दिनों तैयार दिख रहा है।

Christmas 2019: क्रिसमस पर क्यों सजाया जाता है क्रिसमस ट्री? जानिए इससे जुड़ी कुछ रोचक मान्यताएं
पूरी दुनिया इस समय क्रिसमस की तैयारियों में जुट गई है। ईसाई धर्म के सबसे बड़े फेस्टिवल को लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। देश सहित पूरे विश्व में 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाएगा। इस तैयारियों से पूरा बाजार भी इन दिनों तैयार दिख रहा है।
वहीं क्रिसमस के पर्व पर केक, गिफ्ट लाइटिंग के साथ एक और जो सबसे जरूरी चीज होती है वो है क्रिसमस ट्री। क्रिसमस के मौके पर क्रिसमय ट्री को सजाना बेहद खास माना जाता है। सिर्फ ईसाई धर्म के लोग ही नहीं बल्कि सभी अपने घर पर सजाते हैं। मगर क्या आपको पता है इस क्रिसमस ट्री का क्या महत्व होता है?
आइए आपको बताते हैं कि क्रिसमस ट्री की क्या मान्यता है और क्यो इसके बिना क्रिसमस का त्योहार अधूरा माना जाता है।
1. दुनिया के यूरोपीय देश जैसे बेल्जियम, नार्वे, स्वीडन और हॉलैंड देश क्रिसमस के पेड़ की टहनियों का उपयोग भूत भगाने के लिए किया जाता है। इस जगहों की मान्यता है कि क्रिसमस के पेड़ की टहनियों को रोपने से भूत-प्रेत और बुरी आत्माएं भाग जाती हैं।
2. बताया जाता है कि क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई थी। 19वीं सदी की ये परंपरा इंग्लैंड में पहुंची जहां से पूरी दुनिया में फिर ये फैल गई।
3. क्रिसमस ट्री की कहानी प्रभु यीशु के जन्म से शुरु होती है। जब उनका जन्म हुआ तब उनके पिता मरियम एवं जोसेफ को बधाई देने वालो ने स्वर्गदूत भी थे। बताया जाता है कि उन्होंने सदाबाहर फर को सितारों से रोशन किया था। तब से ही सदाबहार क्रिसमस फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में मान्यता मिली।
4. क्रिसमस ट्री को सजाने का प्रचलन 17वीं शताब्दी से शुरू हुआ। उसमें ट्री पर छोटी-छोटी मोमबत्तियां लगाया जाता है। इसे प्राचीन काल से ही जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है।
5. कई जगहों की मान्यता ये भी है कि क्रिसमस ट्री सजाने के लिए घर के बच्चों की आयु लम्बी होती है। सिर्फ यही नहीं घर के लोगों का स्वास्थय भी सही रहता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
6. क्रिसमस ट्री को लेकर कई मान्यताये भी हैं। प्राचीन रोम में एक मान्यता के अनुसार एक वृक्ष की एक छोटी शाखा को एक शिशु ने भोजन और आवास के बदले कुछ आदिवासियों को दी थी। ऐसा माना जाता है कि वह शिशु ओर कोई नहीं, स्वयं प्रभु यीशुमसीह थे।
7. वहीं कई लोगों का मानना है कि इस क्रिसमस ट्री का संबंध मार्टिन लूथर से है। कहा जाता है कि छोटे हरे-भरे पौधों को जलती हुई मोमबत्तियों से रोशन कर दिया था। जिसे स्वर्ग की रोशनी का प्रतीक माना गया।


