कोलकाता का चाइनीज काली मंदिर जहां लगाया जाता है चाउमीन और नूडल्स का भोग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 19, 2019 02:45 PM2019-08-19T14:45:05+5:302019-08-19T14:45:05+5:30

चाइनीज काली मंदिर: इस मंदिर का दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं लेकिन उनके लिए सबसे हैरान करने वाली चीज यहां का प्रसाद है। यहां कई बार प्रसाद में भक्तों को चाइनीज नू़डल्स, चॉप्स्टिक, चावल या सब्जी के व्यंजन दिये जाते हैं।

Chinese Kali Temple in Kolkata where Noodles is Served as Prasad | कोलकाता का चाइनीज काली मंदिर जहां लगाया जाता है चाउमीन और नूडल्स का भोग

कोलकाता में है चाइनीज काली मंदिर (फाइल फोटो)

Highlightsकोलकाता में स्थित है चाइनीज काली मंदिर, देश-विदेश से पर्यटक आते हैं यहांकोलकाता के टांगरा (चाइनाटाउन) क्षेत्र में स्थित है चाइनीज काली मंदिर

बात पश्चिम बंगाल की करें या कोलकाता की भी तो जाहिर है माता दुर्गा और काली की चर्चा जरूर होगी। कोलकाता की संस्कृति में काली पूजा का विशेष महत्व है। वैसे, आज हम कोलकाता के जिस काली मंदिर की बात करने जा रहे हैं वह बेहद अलग और एक खास वजह के कारण प्रसिद्ध है।

हम बात कर रहे हैं कोलकाता के टांगरा (चाइनाटाउन) क्षेत्र में स्थित एक चाइनीज काली मंदिर की, जहां के पूजन की परंपरा और यहां का प्रसाद इसे देश भर के दूसरे काली मंदिर से अलग और विशेष बनाता है।  इस मंदिर का नाम चाइनीज काली मंदिर है। केवल मंदिर का नाम ही अलग नहीं है बल्कि यहां आने पर जो श्रद्धालु दिखेंगे, वे भी विशेष हैं। यहां कई ऐसे श्रद्धालु आपको मिल जाएंगे जो चीनी हैं।

चाइनीज काली मंदिर में चाउमीन और नूडल्स वाला प्रसाद!

इस मंदिर का दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं लेकिन उनके लिए सबसे हैरान करने वाली चीज यहां का प्रसाद है। यहां कई बार प्रसाद में भक्तों को चाइनीज नू़डल्स, चॉप्स्टिक, चावल या सब्जी के व्यंजन दिये जाते हैं। दिलचस्प बात ये है कि देवी के चरणों में भोग के रूप में भी यही चीजें चढ़ाई जाती है। भोग से इतर यहां कैंडल और चाइनीज अगरबत्ती जलाने की भी परंपरा है। मंदिर में लाल रंग का इस्तेमाल आपको विशेष तौर ज्यादा दिखेगा। दिलचस्प ये भी कि यहां आने वाले चीनी पूजा-पाठ भी चीनी शैली में ही करते हैं। 

काली मंदिर से कैसे हुआ चीनी लोगों का जुड़ाव

यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है। इस मंदिर को लेकर एक कहानी काफी लोकप्रिय है। दरअसल, एक चीनी बच्चा काफी बीमार था और उसका इलाज कहीं नहीं हो पा रहा था। ऐसे में उसके माता-पिता एक बार उस बीमार बच्चे के साथ यहां पहुंच गये। बच्चा मंदिर आते ही ठीक हो गया। इसके बाद इस मंदिर की लोकप्रियता काफी बढ़ गई और चीनी श्रद्धालु इससे जुड़ते चले गये। 

वैसे, कहते ये भी है कि एक चीनी शख्स ने एक सपना देखा और उसके बाद उसने मंदिर को और बेहतर बनाने की बात कही। वह सपना क्या था, इस बारे में कोई नहीं जानता लेकिन इसके बाद इस मंदिर को बनाने का काम शुरू हो गया और लोग जुड़ते चले गये। हिंदू और चीनी सभ्यता के इस मेल और एक-दूसरे की संस्कृति के स्वीकृति के इस उत्तम उदाहरण को देखने देश-विदेश से कई पर्यटक हर साल आते हैं। 

Web Title: Chinese Kali Temple in Kolkata where Noodles is Served as Prasad

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