Char Dham 2023: उत्तराखंड में मौसम ने करवट ली है। गंगोत्री धाम में ताजा बर्फबारी हुई। मंदिर कपाट 22 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केन्द्र बदरीनाथ धाम की 27 अप्रैल से शुरू हो रही यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी कार्य कर लिए गए हैं। रहने की व्यवस्था को लेकर मास्टर प्लान के तहत धर्मशाला भी हैं।
इस साल बदरीनाथ जाने वाले व्यवसायिक हेलिकॉप्टरों से ईको- विकास शुल्क लिया जायेगा। यह शुल्क बदरीनाथ नगर पंचायत हेलिकॉप्टर के हर फेरे से वसूल करेगी। बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि नियमों को संशोधित किया जा रहा है । इसके साथ ही वाहन से आने वाले यात्रियों को अपना कूड़ा साथ में वापस लाने के लिए 'गार्बेज बैग' भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जो वाहन इन ‘गार्बेज बैगों’ को नगर पंचायत को लौटाएंगे, उन्हें शुल्क के लिए काटे गए धन से बीस रुपये वापस किए जाएंगे। पुरोहित ने बताया कि बदरीनाथ जाने वाले हेलिकॉप्टरों से हर व्यावसायिक फेरे से एक हजार रुपये की राशि ईको विकास शुल्क के रूप में ली जाएगी। इसके लिए नगर पंचायत ने अपने नियमों को संशोधित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है ।
उन्होंने बताया कि बदरीनाथ नगर पंचायत की ओर से ईको विकास शुल्क का संग्रह तीन साल पहले 2020 में शुरू किया गया था जिसके तहत बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों के वाहनों से अलग अलग श्रेणी में ईको शुल्क लिया जा रहा था। पुरोहित ने बताया कि इस साल से जहां सड़क मार्ग से आने वाले यात्रियों के वाहनों से पूर्व में लिए जा रहे ईको शुल्क में 20 रुपये की बढोत्तरी कर दी गयी है वहीं हेलीकॉप्टरों से भी एक हजार रुपए शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है ।
उन्होंने बताया कि वाहनों से अतिरिक्त रूप से लिए जाने वाले यह बीस रुपए रिफंडेबल होंगे जो वापसी में चैक पोस्ट पर कूड़े का बैग लौटाने पर यात्रियों को वापस कर दिए जाएंगे । अधिकारी ने बताया कि गार्बेज बैग देने का मकसद वाहनों के कारण बद्रीनाथ में फैलने वाली गंदगी को नियंत्रित करना और कूड़ा फैलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है ।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ समिति ने इस वर्ष से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में श्रद्धालु के रूप में आने वाले सभी अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) से भगवान के विशेष दर्शन और प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये का शुल्क लेने का निर्णय लिया है।