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Chandra Grahan 2019: सूतक क्या होता है, क्या हैं इसके मायने, जानिए ग्रहण और सूतक काल के बारे में सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 16, 2019 09:09 IST

सनातन धर्म मानने वालों के अनुसार सूतक वह समय होता है जब कोई शुभ काम करने की मनाही होती है। सूतक काल सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों ग्रहणों के दौरान लगता है। साथ ही किसी घर में शिशु के जन्म या किसी के निधन के बाद भी उस परिवार के सदस्यों को कुछ दिन सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं।

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ठळक मुद्देचंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों ही समय लगते हैं सूतकचंद्र ग्रहण में 9 घंटे और सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है सूतक कालशिशु के जन्म या किसी के निधन के बाद भी घर में लगता है सूतक

Lunar Eclipse 2019: चंद्र ग्रहण हो या फिर सूर्य ग्रहण, दोनों ही समय सूतक लगते हैं। सनातन धर्म को मानने वालों के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किये जाने चाहिए। यहां तक कि मू्र्ति स्पर्श की भी मनाही होती है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिये जाते हैं। साथ ही कई घरों में मूर्तियों को भी ढक देने की परंपरा है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय 12 घंटे और चंद्र ग्रहण के दौरान 9 घंटे पूर्व से ही सूतक काल आरंभ हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक यह जारी रहता है। ग्रहण के बाद घरों और मंदिरों की की अच्छे से साफ-सफाई और स्वयं के स्नान आदि के बाद ही पूजा-पाठ और दूसरे काम आरंभ करने चाहिए।

Chandra Grahan: सूतक क्या होता है, क्यों न करें इस दौरान शुभ काम

सनातन धर्म मानने वालों के अनुसार सूतक वह समय होता है जब कोई शुभ काम करने की मनाही होती है। सूतक काल सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों ग्रहणों के दौरान लगता है। साथ ही किसी घर में शिशु के जन्म या किसी के निधन के बाद भी उस परिवार के सदस्यों को कुछ दिन सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं। मान्यताओं के अनुसार निर्धारित अवधि में शुभ काम मसलन विवाह, धार्मिक कृत्य या मूर्ति स्पर्श और पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। हिंदू धर्म के अनुसार जन्म और मरण के समय मन सहज स्थिति में नहीं होते। ऐसी अस्त-व्यस्त मानसिकता में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।

Chandra Grahan: ग्रहण के सूतक के दौरान किन बातों का रखें ध्यान 

ऐसे तो ग्रहण के सूतक के दौरान हर किसी को के लिए शुभ काम करने की मनाही होती है लेकिन गर्भवती स्त्रियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान काफी नकारात्मक उर्जा वातावरण में फैली होती है और बच्चे पर बुरा साया पड़ सकता है। सूतक के दौरान कोई भी नया काम करने से बचना चाहिए। यही नहीं, जब ग्रहण शुरू हो जाए और सावधानी बरतने की आवश्यता होती है।

मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। जरूरत पड़ने पर बीमार या बच्चे केवल उन्हीं खानों का इस्तेाल कर सकते हैं जिस पर तुलसी पत्ता पहले से रखा गया हो। ग्रहण के दौरान भोजन पकाने की भी मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान काटने-छाटने वाले काम नहीं करने चाहिए। चाकू, ब्लेड, कैंची जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करें। मान्यता है कि इससे गर्भ में पल पहे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है और वह पूर्ण विकसीत नहीं हो पाता है। साथ ही ग्रहण के दौरान यौन संबंध बनाने  से भी बचना चाहिए।

Chandra Grahan 2019: कितने बजे से है चंद्र ग्रहण और कब शुरू होगा सूतक काल

गुरु पूर्णिमा के मौके पर 16 जुलाई को आधी रात के बाद लगने जा रहा है। यह ग्रहण आधी रात के बाद 1.31 बजे से शुरू होगा और बुधवार तड़के 4.30 बजे खत्म होगा। भारत में ये चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है। चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को शाम 4.31 बजे से शुरू हो जाएगा। चंद्रग्रहण का स्पर्श 16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे शुरू होगा और इसका मध्य तीन बजे होगा। ग्रहण का मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। इस खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की अवधि दो घंटे और 59 मिनट की होगी।

टॅग्स :चन्द्रग्रहण
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