साल का आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट से लगने जा रहा है जो शाम 5 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण एक अशुभ समयावधि होती है, इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए। इसी प्रकार इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण का सूतक काल
चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पूर्व ही लग जाता है जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है। भारतीय दृष्टिकोण से साल का आखिरी चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा।
गर्भवती महिलाएं रहें सावधान
माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के कारण गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बच्चे को बचाने के लिए घर के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। उन्हें तेज वस्तुओं से दूर रहने के लिए भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी नुकीली चीज के संपर्क में आने से बच्चे का जन्म किसी फटे होंठ या जन्म के निशान के साथ हो सकता है। इस अवधि में चंद्र ग्रह की शांति के लिए चंद्र के बीज मंत्र अथवा भगवान शिव का ध्यान करें।
यौन संबंध से बचें
ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि इस दौरान बनाए गए यौन संबंध से कोई बच्चा होता है, तो उसे जीवनभर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इस बात में कितना दम है, इस संबंध में अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ग्रहण के बाद क्या करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। घर में पोछा लगाकर गंगाजल छिकड़ें। घर के मंदिर में गंगाजल छिड़कें और धूप दीया जलाकर पूजा पाठ करें। अपनी इच्छा और क्षमतानुसार, जरूरतमंद व्यक्तियों को दान दें।