नई दिल्ली: इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल (सोमवार) होने वाला है। कल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर होने वाले इस चंद्र ग्रहण का कई मायने में काफी महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पड़ने वाले इस चंद्र ग्रहण को बहुत अधिक प्रभावशाली माना जा रहा है।
इस संबंध में जानकारों का मानना है कि यह एक उपच्छाया ग्रहण होगा जिसे आंख से देखा नहीं जा सकेगा। भारत में इस ग्रहण का असर कुछ खास नहीं होगा। इसके अलावा, आपको जानकारी के लिए यह भी बता दें कि साल का आखिरी ग्रहण, सूर्य ग्रहण होगा जो 14 दिसंबर 2020 को पड़ेगा।
टीओआई के मुताबिक, 30 नवंबर को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और रोहणी नक्षत्र में पड़ेगा जिससे इसका असर ज्योतिषीय विचार की दृष्टि से सभी राशि के व्यक्तियों के जीवन पर पड़ेगा। ऐसे में इस ग्रहण से जुड़े सभी जानकारी को जानना बेहद अहम है।
क्या है चंद्र ग्रहण का समय?
यह चंद्र ग्रहण 30 नवंबर दिन सोमवार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा।
इस ग्रहण के शुरू होने का समय कल (सोमवार) दोपहर 1:04 बजे है जबकि, 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा। जानकारों ने बताया है कि ग्रहण शाम के 5:22 बजे समाप्त होने का समय है।
जानें कब लगेगा सूतक
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। हालांकि ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है और ये भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन, चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए।
ये सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है
चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। जानकारों ने कहा है कि खासकर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सावधानी बरतने से उनके और उनके बच्चे पर इसका असर नहीं पड़ता है। यही वजह है कि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलना वर्जित होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान यदि व ग्रहण देख लेंगी तो इसका सीधा और नकारात्मक असर बच्चे के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।