Chaitra Purnima 2020: कल है चैत्र पूर्णिमा, हिन्दू नववर्ष की पहली पूर्णिमा पर करें इन 3 चीजों का दान- दूर होगी कंगाली
By मेघना वर्मा | Updated: April 7, 2020 09:36 IST2020-04-07T09:36:38+5:302020-04-07T09:36:38+5:30
हिन्दू धर्म में दान का बहुत अधिक महत्व है। कहते हैं किसी भी जरूरतमंद को दान करने से आपको लाभ होता है।

Chaitra Purnima 2020: कल है चैत्र पूर्णिमा, हिन्दू नववर्ष की पहली पूर्णिमा पर करें इन 3 चीजों का दान- दूर होगी कंगाली
चैत्र महीना हिन्दू नववर्ष का पहला महीना होता है। जिसमें कई सारे तीज और त्योहार होते हैं। चैत्र पूर्णिमा उन्हीं त्योहारों में से के है। चैत्र पूर्णिमा को चैत पूनम या मधु पूर्णम के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान-ध्यान करते हैं। चैत्र पूर्णिमा के दिन दान का भी बहुत योगदान बताया जाता है।
इस साल चैत्र पूर्णिमा 8 अप्रैल को पड़ रही है। हर साल चैत्र पूर्णिमा के साथ हनुमान जयंती भी पड़ती है। इस दिन लोग हनुमान जी के साथ भगवान विष्णु की भी उपासना करते हैं। इस लॉकडाउन में लोग अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करेंगे। आइए आपको बताते हैं क्या है शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि-
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 7 अप्रैल को 12:02:47 बजे
पूर्णिमा समाप्त - 8 अप्रैल को 08:06:17 बजे
व्रत और पूजा विधि
1. चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह गंगा स्नान या पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। मगर लॉकडाउन में कहीं भी जाने की मनाही है। इसलिए आप घर में नहाने वाले पानी में गंगाजल मिला लें और उससे स्नान करें।
2. इसके बाद अपने आराध्य देव को नाम पुकार कर व्रत रखने का संकल्प लें।
3. स्नान के बाद या स्नान के समय आप सूरज की उपासना करें।
4. सूर्य के मंत्र का उच्चारण भी कर सकते हैं।
5. इसके बाद आप भगवान मधुसूदन की पूजा करें और विधि विधान से उनका पाठ करें।
6. अंत में दान-दक्षिणा के लिए सामान जरूर निकालें।
इन 3 चीजों का करें दान
हिन्दू धर्म में दान का बहुत अधिक महत्व है। कहते हैं किसी भी जरूरतमंद को दान करने से आपको लाभ होता है। इसलिए हर तीज त्योहार पर दान देने की परंपरा है। चैत्र पूर्णिमा पर खासकर दान दिया जाता है। जिसमें आप किसी भी चीज का दान कर सकते हैं। मगर कुछ विशेष चीजों का दान करना हमेशा खास माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन आपको भी इन चीजों का दान जरूर देना चाहिए-
1. तिल
2. गुड़
3. कम्बल या ऊनी वस्त्र

