Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: May 20, 2024 14:48 IST2024-05-20T14:48:31+5:302024-05-20T14:48:31+5:30

Buddha Purnima 2024 Date: दृक पंचांग के अनुसार, इस साल बुद्ध पूर्णिमा तिथि 23 मई को मनाई जाएगी। बुद्ध पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करने का महत्व है। रात्रि में चंद्र देव को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

Buddha Purnima 2024: When is Buddha Purnima, know the date, auspicious time, worship method and importance | Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Buddha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। दरअसल, वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का प्राकट्य हुआ था। मान्यता के अनुसार, उन्हें भगवान विष्णु जी का अवतार भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूर्णिमा तिथि को सुख-संपदा और वैभव को बढ़ाने वाला माना जाता है। इस दिन नदी में स्नान और दान, पूजा-पाठ का काफी महत्व है और माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करने का महत्व है। रात्रि में चंद्र देव को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल बुद्ध पूर्णिमा तिथि 23 मई को मनाई जाएगी।

बुद्ध पूर्णिमा तिथि 

वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 22 मई 2024 को शाम 6 बजकर 47 मिनट से
वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त: 23 मई 2024 को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर

वैशाख पूर्णिमा की पूजा विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर भगवान विष्णु का व्रत रखना चाहिए। सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए। रात में चंद्रमा को दूध और शहद मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। इससे भक्तों के सभी रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। इससे श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है और उन्हें जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अंत में ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास और महत्व 

भारत समेत दुनिया के कई देशों में बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग बुद्ध पूर्णिमा को मनाते हैं। गौतम बुद्ध का जन्म राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के रूप में 563 ईसा पूर्व में पूर्णिमा के दिन हुआ था। इनकी जन्म स्थली लुंबिनी (वर्तमान नेपाल क्षेत्र) है। यही वजह है कि उनकी जयंती के दिन को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती कहा जाता है। बुद्ध जयंती को बौद्ध धर्म के लोग बहुत धूम धाम से मनाते हैं।

मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था। वैशाख पूर्णिमा पर कूर्म जयंती भी मनाई जाएगी। पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था। यह पर्व तिब्बत, इंडोनेशिया, जावा, कंबोडिया, म्यांमार, श्रीलंका, मंगोलिया में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसे 'वेसाक' के रूप में मनाते हैं। 

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