Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या कब है? जानें तिथि, स्नान-दान मुहूर्त, पितरों के तर्पण और श्राद्ध का समय
By रुस्तम राणा | Updated: July 2, 2024 14:02 IST2024-07-02T14:02:07+5:302024-07-02T14:02:07+5:30
Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आषाढ़ अमावस्या होती है। इस दिन लोग प्रातः काल गंगा जी में या किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का तर्पण, श्राद्ध व पूजा पाठ करते हैं, ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो और वे उन्हें खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करें।

Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या कब है? जानें तिथि, स्नान-दान मुहूर्त, पितरों के तर्पण और श्राद्ध का समय
Ashadha Amavasya 2024: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। हर माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। प्रत्येक अमावस्या तिथि को पितृ तर्पण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए पितृ तर्पण किया जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आषाढ़ अमावस्या होती है। इस दिन लोग प्रातः काल गंगा जी में या किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का तर्पण, श्राद्ध व पूजा पाठ करते हैं, ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो और वे उन्हें खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करें।
आषाढ़ अमावस्या को कहते हैं हलहारिणी अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। हलहारिणी अमावस्या केवल पितृ तर्पण के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन किसानों के द्वारा इस दिन हल और खेती से संबंधित उपकरणों की पूजा की जाती है और भगवान से अच्छी फसल और अधिक उत्पादन के लिए प्रार्थना भी करते हैं।
कब है आषाढ़ अमावस्या 2024?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ अमावस्या 05 जुलाई, शुक्रवार की पड़ रही है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 5 जुलाई 2024 को सुबह 04:57 बजे होगा और अगले दिन 06 जुलाई 2024 सुबह 04:26 बजे पर इसका समापन होगा।
आषाढ़ अमावस्या 2024 स्नान मुहूर्त
आषाढ़ अमावस्या के दिन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:08 बजे से 04:48 बजे तक है। हालांकि सूर्योदय से तिथि की गणना होती है तो आप उस दिन सूर्योदय 05:29 ए एम के बाद से स्नान कर सकते हैं।
आषाढ़ अमावस्या 2024 तर्पण और श्राद्ध का समय
आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए पहले स्नान करें। उसके बाद ही पितरों के लिए जल से तर्पण दें। कुश, काले तिल, सफेद फूल और जल से पितरों के लिए तर्पण देना चाहिए। आषाढ़ अमावस्या के दिन 11:00 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के बीच कर सकते हैं।
आषाढ़ अमावस्या पर इन चीजों का करें दान
आषाढ़ी आमावस्या पर स्नान के पश्चात दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन आप गरीब या जरुरतमंद लोगों में तिल, तेल, चावल, चद्दर, छाता, चना, खिचड़ी, पुस्तक, साबूदाना, मिठाई, चने की दाल, अन्न, वस्त्र, रुई, उड़द की दाल बांट सकते हैं।