Apara (Achala) Ekadashi 2020: कब है अचला एकादशी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

By मेघना वर्मा | Updated: May 11, 2020 11:46 IST2020-05-11T11:46:40+5:302020-05-11T11:46:40+5:30

अचला एकादशी का व्रत करते से सभी तरह के पापों और कष्टों का नाश होता है।

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Apara (Achala) Ekadashi 2020: कब है अचला एकादशी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Highlightsइस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार धन-दौलत की प्राप्ति होती है। अचला एकादशी को अपरा एकादशी भी कहते हैं।

हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। हर महीने आने वाली एकादशी पर लोग भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं इस महीने भगवान विष्णु को प्रिय अचला एकादशी पड़ने वाली है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी मनाई जाती है। 

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार धन-दौलत की प्राप्ति होती है। साथ इंसान को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। अचला एकादशी का व्रत करते से सभी तरह के पापों और कष्टों का नाश होता है। आइए आपको बताते हैं इस साल कब पड़ रही है अचला एकादशी और क्या है शुभ मुहूर्त-

कब है अचला एकादशी?

अचला एकादशी - 18 मई 2020
एकादशी तिथि प्रारंभ - 12:42 PM 17 मई को
एकादशी तिथि समाप्त - 03:08 PM 18 मई को
अचला एकादशी पारण का समय - 05:28 AM से 08:12 AM तक

अचला एकादशी पूजा विधि

1. इस दिन सुबह जल्‍दी उठें स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की धूप, दीप, फल, फूल, तिल आदि चढ़ा कर पूजा करें।  
3. पूरे दिन निर्जल उपवास करें। अगर ना हो पाए तो 1 समय पानी और 1 फल खा सकते हैं। 
4. पारण के दिन भगवान की दुबारा पूजा, कथा और पाठ करें। 


5. कथा समाप्‍त करने के बाद प्रसाद बाटें तथा ब्राह्मण को भोजन खिला कर दक्षिणा देकर भेजना चाहिये। 
6. बाद में आप व्रत खोल कर भोजन कर सकते हैं। 
7. व्रत वाले दिन 'ओम नमो नारायण' मंत्र का जाप करें। साथ में मन को शांत करने के लिये प्रभु के नाम को दोहराएं। 

अचला एकादशी का महत्व

भगवान विष्णु को शालिग्राम का रूप हैं। मान्यता है कि अचला एकादशी के दिन शालिग्राम की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन गोदान करने का भी विशेष फल प्राप्त होता है। अचला एकादशी को अपरा एकादशी भी कहते हैं और इस दिन वामन की पूजा करना जरूरी माना जाता है। 

Web Title: Apara Ekadashi kab hai, Achala kab hai, Apara Ekadashi know the date, shubh muhurat and significance

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