Amarnath Yatra 2024: बम-बम भोले के नारों के साथ अमरनाथ यात्रा शुरू, जम्मू से पहला जत्था रवाना

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 28, 2024 09:28 IST2024-06-28T09:28:40+5:302024-06-28T09:28:48+5:30

Amarnath Yatra 2024: कुल मिला कर बीएसएफ, कश्मीर पुलिस, सेना और केरिपुब के दो लाख जवानों को तैनात किया गया है। 

Amarnath Yatra 2024 begins with slogans of Bam-Bam Bhole first batch leaves from Jammu | Amarnath Yatra 2024: बम-बम भोले के नारों के साथ अमरनाथ यात्रा शुरू, जम्मू से पहला जत्था रवाना

Amarnath Yatra 2024: बम-बम भोले के नारों के साथ अमरनाथ यात्रा शुरू, जम्मू से पहला जत्था रवाना

Amarnath Yatra 2024: बम-बम भोले के नारों के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा की आज शुरूआत हो गई। जम्मू बेस कैंप से कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था शुक्रवार तड़के रवाना कर दिया गया। जम्मू से उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

पहले जत्थे में 231 वाहनों में 4603 यात्रियों को बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना किया गया है, वहीं सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जब कल बाबा की पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए यात्रियों को बेस कैंपों से रवाना किया जाएगा। यात्रा में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।

अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जम्मू सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी ने बताया कि सभी तरह की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हम नई तकनीक और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही, पिछले साल की तुलना में इस बार इस काम में लोगों को भी बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि यात्रा की सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। कठुआ जिले में लखनपुर आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों की कड़ी जांच के अलावा शहर के कई अन्य हिस्सों में भी गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। 

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इस वर्ष चिकित्सकीय सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, क्योंकि पिछले वर्ष स्वास्थ्य कारणों से 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि पंजीकरण या चिकित्सकीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बगैर किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि तीर्थयात्रियों का आगे बढ़ना मौसम की स्थितियों पर निर्भर करेगा। अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख तीर्थयात्री अब तक पंजीकरण करा चुके हैं। करंट पंजीकरण भी चालू कर दिया गया है। मौसम के अनिश्चित हालात के बावजूद हर आयुवर्ग के तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है।

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होने के वक्त श्रद्धालुओं ने कहा कि वे काफी खुश हैं। उन्हें किसी बात का कोई डर नहीं है। सभी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है। हर साल सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जाती है। मोहाली की रूपा गांगुली ने कहा कि मैं पहली बार इस तीर्थयात्रा पर जा रही हूं। मैं बहुत रोमांचित हूं। हमने सुना है कि गुफा और गुफा मार्ग अभी भी बर्फ से ढके हैं।

यह बहुत ही रोचक होगा। गुजरात के जतिंदर सोलंकी ने कहा कि मैं पांचवी बार इस तीर्थयात्रा के लिए आया हूं। श्रद्धा और कश्मीर घाटी में शांति के कारण प्रत्येक वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। तीर्थयात्रा 19 अगस्त तक जारी रहेगी।

समुद्र के सतह से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए दो मार्ग हैं। एक मार्ग श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है, और दूसरा श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है। पहलगाम से गुफा का मार्ग पारम्परिक है और यह 45 किलोमीटर लम्बा है, लेकिन इन दिनों तीर्थयात्री बालटाल से जाने वाले मार्ग को वरीयता देते हैं, क्योंकि यह काफी छोटा है।

अमरनाथ गुफा में पवित्र बर्फ का हिमलिंग मौजूद होता है, जो स्वाभाविक रूप से निर्मित होता है। तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने अपनी 350 टुकड़ियां तैनात की हैं। इनमें 52 टुकड़ियां जम्मू क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संभालेंगी जबकि बाकी टुकड़ियां घाटी में यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी हैं।

कुल मिला कर बीएसएफ, कश्मीर पुलिस, सेना और केरिपुब के दो लाख जवानों को तैनात किया गया है। बम-बम भोले के नारों के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा की आज शुरूआत हो गई। जम्मू बेस कैंप से कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था शुक्रवार तड़के रवाना कर दिया गया। जम्मू से उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

पहले जत्थे में 231 वाहनों में 4603 यात्रियों को बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना किया गया है, वहीं सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जब कल बाबा की पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए यात्रियों को बेस कैंपों से रवाना किया जाएगा। यात्रा में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।

अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जम्मू सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी ने बताया कि सभी तरह की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हम नई तकनीक और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही, पिछले साल की तुलना में इस बार इस काम में लोगों को भी बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि यात्रा की सुरक्षा को लेकर चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। कठुआ जिले में लखनपुर आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों की कड़ी जांच के अलावा शहर के कई अन्य हिस्सों में भी गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। 

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इस वर्ष चिकित्सकीय सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, क्योंकि पिछले वर्ष स्वास्थ्य कारणों से 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि पंजीकरण या चिकित्सकीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बगैर किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि तीर्थयात्रियों का आगे बढ़ना मौसम की स्थितियों पर निर्भर करेगा। अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख तीर्थयात्री अब तक पंजीकरण करा चुके हैं। करंट पंजीकरण भी चालू कर दिया गया है। मौसम के अनिश्चित हालात के बावजूद हर आयुवर्ग के तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है।

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होने के वक्त श्रद्धालुओं ने कहा कि वे काफी खुश हैं। उन्हें किसी बात का कोई डर नहीं है। सभी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है। हर साल सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जाती है। मोहाली की रूपा गांगुली ने कहा कि मैं पहली बार इस तीर्थयात्रा पर जा रही हूं। मैं बहुत रोमांचित हूं। हमने सुना है कि गुफा और गुफा मार्ग अभी भी बर्फ से ढके हैं।

यह बहुत ही रोचक होगा। गुजरात के जतिंदर सोलंकी ने कहा कि मैं पांचवी बार इस तीर्थयात्रा के लिए आया हूं। श्रद्धा और कश्मीर घाटी में शांति के कारण प्रत्येक वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। तीर्थयात्रा 19 अगस्त तक जारी रहेगी।

समुद्र के सतह से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए दो मार्ग हैं। एक मार्ग श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है, और दूसरा श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है। पहलगाम से गुफा का मार्ग पारम्परिक है और यह 45 किलोमीटर लम्बा है, लेकिन इन दिनों तीर्थयात्री बालटाल से जाने वाले मार्ग को वरीयता देते हैं, क्योंकि यह काफी छोटा है।

अमरनाथ गुफा में पवित्र बर्फ का हिमलिंग मौजूद होता है, जो स्वाभाविक रूप से निर्मित होता है। तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने अपनी 350 टुकड़ियां तैनात की हैं। इनमें 52 टुकड़ियां जम्मू क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा संभालेंगी जबकि बाकी टुकड़ियां घाटी में यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी हैं। कुल मिला कर बीएसएफ, कश्मीर पुलिस, सेना और केरिपुब के दो लाख जवानों को तैनात किया गया है। 

Web Title: Amarnath Yatra 2024 begins with slogans of Bam-Bam Bhole first batch leaves from Jammu

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