एक दरवाजा जिससे होकर गुजरने पर मिलती है जन्नत, साल में केवल 4 बार खुलता है ये अद्भुत दरवाजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 28, 2020 01:19 PM2020-02-28T13:19:06+5:302020-02-28T13:19:06+5:30
उर्स में यह दरवाजा रजब माह की चांद रात से 6 रजब तक 7 दिनों तक खुला रहता है। ऐसे में इस बार सोमवार (24 फरवरी) को जन्नती दरवाजा खोला गया। इसे 2 मार्च को दोपहर डेढ़ बजे बंद कर दिया जाएगा।
राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 808वें उर्स की शुरुआत के साथ ही इसी हफ्ते जन्नती दरवाजा भी खोल दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि उर्स में ख्वाजा साहब रहमत की बारिश करते हैं और यही कारण है इन दिनों में बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले अजमेर शरीफ पहुंचते हैं।
इस मौके पर यहां आने वालों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र एक दरवाजा भी रहता है जिसे 'जन्नती दरवाजा' कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो एक बार इस दरवाजे से गुजर जाता है उसे जन्नत मिलती है।
साल में केवल चार बार खुलता है जन्नती दरवाजा
जन्नती दरवाजा साल में केवल चार बार खोला जाता है। दरअसल, कहते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज इबादत के लिए इसी रास्ते से आया जाया करते थे। उनकी इबादत पर ख्वाजा साहब को अल्लाह ने कहा कि जो लोग मक्का मदीना की जियारत नहीं कर पाते, वह यदि इस दरवाजे से गुजर जाएंगे तो उनकी सभी दुआएं और मन्नते कुबूल होगी। अल्लाह के इस संदेश ख्वाजा साहब ने अपने खिदमतगारों के जरिए अकीदतमंदों तक पहुंचाया।
उर्स में यह दरवाजा रजब माह की चांद रात से 6 रजब तक 7 दिनों तक खुला रहता है। ऐसे में इस बार सोमवार (24 फरवरी) को जन्नती दरवाजा खोला गया। इसे 2 मार्च को दोपहर डेढ़ बजे बंद कर दिया जाएगा।
इसके अलावा रमजान माह की ईद को सुबह पांच बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक भी इस दरवाजे को खोला जाता है। साथ ही ख्वाजा साहब के गुरु हजरत उस्मान हारूनी के उर्स के मौके पर भी सुबह 5 बजे से डेढ़ बजे तक जन्नती दरवाजा खोला जाता है। बकरा ईद पर भी इसी तरह दरवाजा खोलने की परंपरा है।