प्यार किसी से भी हो सकता है। प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती। किसी को किसी से भी प्यार हो जाए तो इसका जिम्मेदार कोई नहीं। वैलेंटाइन के इस वीक में आज हम ऐसी ही एक महिला की कहानी आपको बताने जा रहे हैं जिसे अपने शहर से इस कदर प्यार हुआ कि उसने शहर की सूरत ही बदल दी।
आज कहानी भोपाल की कल्पना केकरे ने जिसने ना सिर्फ अपने शहर की सूरत बदली बल्कि देश के 200 से ज्यादा शहर में अपने प्यार को उड़ेल चुकी हैं। कल्पना केकरे अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर भोपाल को स्वच्छ बनाने के अभियान में लगी हुई हैं। कल्पना अब तक कई शहरों की गंदी दीवारों का कायाकल्प कर चुकी हैं।
आइए इस वैलेंटाइन पर जानते हैं ऐसी ही शख्सियत के बारे में जिन्हें अपने शहर से प्यार हो गया और जिनकी वजह से हम शहर की खूबसूरती से प्यार करने लगें।
आईक्लीन भोपान अभियान
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबक साल 2013 में छह लोगों के साथ मिलकर कल्पना ने आईक्लीन भोपाल के नाम से एक अभियान की शुरुआत की थी। एक छोटे सी इस पहल से अब 200 से ज्यादा शहरवासी हिस्सा बन चुके हैं। खास बात ये है कि इस पहल को अब सरकारी संस्थानों से भी सराहना मिल रही है।
कैसे काम करता है ये अभियान
दरअसल आईक्लीन भोपाल के सदस्य उस जगह का चुनाव करते हैं जहां की दीवार का रूप-रंग बदलने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसके बाद एक-एक करके जरूरी संसाधन जुटाए जाते हैं। पेंट, ब्रश के साथ कुछ जरूरी चीजों को इकट्ठा किया जाता है। इसके बाद रविवार को कुछ घंटों की मशक्कत के बाद उस दीवार का कायाकल्प हो जाता है।
खुद जुटाते हैं पैसे
रिपोर्ट की मानें तो बीते कई सालों से एक भी रविवार ऐसा नहीं गया जब भोपाल की इस टीम ने दीवार को पेंट ना किया हो। अपने शहर को स्वच्छ बनाने को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। खास बात ये है कि इस पर होने वाले खर्च की भरपाई सभी मिलकर करते हैं। हर महीने इस अभियान से जुड़े लोग 50-50 रुपए इकट्ठा किये जाते हैं। इस छोटी सी राशी से सारे इंतजाम भी किया जाता है। फंड की व्यवस्था की जाती है। हाल ही में टीम के सदस्यों ने भोपाल स्थित कलेक्टर कार्यालय की दीवारों पर खूबसूरत कलाकृतियां उकेरकर उन्हें देखने लायक बनाया है।
सभी से मिली सराहना
पूरे शहर को साफ और सुंदर बनाने के इस प्रयास को नगर निगम के साथ भोपाल सरकार ने खूब तारीफ की है। शहर की गंदगी साफ करने के लिए कल्पना को काफी तारीफ हुई है। कल्पना ने इस बात को भी बताया कि जब उन्होंने पूरे शहर की सफाई करने और उसकी रंगत बनाने का फैसला किया तो उनके घरवालों का क्या रिएक्शन था। कल्पना ने द बेटर इंडिया से बात करते हुए बताया कि उनके इस निर्णय ने घरवालों को कोई समस्या नहीं हुई लेकिन कुछ पहचान वालों ने उन्हें हतोत्साहित किया। मगर जब वो इस काम में सफल हुईं तो सभी ने उनकी तारीफ की।