UP Taja News: विवादित पोस्टर लगाने के मामले कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी गिरफ्तार

By गुणातीत ओझा | Updated: March 15, 2020 13:29 IST2020-03-15T13:29:29+5:302020-03-15T13:29:29+5:30

योगी सरकार ने सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपियों के पोस्टर चौराहे पर लगाए थे। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के पोस्टर लगाए थे। इसके बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं ने पोस्टर लगाया था।

UP congress leader sudhanshu bajpayee and ashwani arrested for putting controversial poster | UP Taja News: विवादित पोस्टर लगाने के मामले कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी गिरफ्तार

विवादित पोस्टर लगाने के मामले कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी गिरफ्तार

Highlightsउत्तर प्रदेश में सियासी दलों के बीच छिड़ी पोस्टर वार, पुलिस ने दो कांग्रेस नेताओं को किया गिरफ्तारसीएए के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शन और हिंसा के आरोपियों के यूपी सरकार द्वारा लगाए गए पोस्टर के बाद सपा ने लगाया था चिन्मयानंद और सेंगर का पोस्टर

लखनऊः उत्तर प्रदेश में सियासी दलों में छिड़ा पोस्टर वार गहराता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में विवादित पोस्टर लगाए जाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर कांग्रेस नेता सुधांशु बाजपेयी और अश्वनी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है।  

याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में योगी सरकार ने सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपियों के पोस्टर चौराहे पर लगाए थे। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के पोस्टर लगाए थे। इसके बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं ने पोस्टर लगाया था। इन पोस्टरों पर केंद्रीय मंत्रियों की फोटो लगी है और लिखा है इन दंगाइयों से वसूली कब ? पोस्टर के नीचे निवेदक सुधांशु वाजपेयी लालू कन्नौजिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लिखा था। इन पोस्टरों को लगने के कुछ देर बाद ही पुलिस प्रशासन ने हटा दिया था।

सीएए प्रदर्शनकारियों के पोस्टर पर न्यायालय ने कहा था, कोई कानून उप्र सरकार की कार्रवाई का समर्थन नहीं करता

सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को कहा कि लखनऊ में सीएए-विरोधी प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के आरोपियों के नाम और तस्वीरों के साथ प्रमुख चौराहों पर पोस्टर लगाने की उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई का समर्थन करने संबंधी कोई कानून नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के नौ मार्च के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की अपील अगले सप्ताह में तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इस पर और विस्तार से विचार की आवश्यकता है। पीठ ने यह सवाल भी किया कि क्या शासन कथित प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाकर उनके निजता के मौलिक अधिकार को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में सड़कों पर सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ करने के आरोपियों के पोस्टर लगाए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को इस पोस्टर को हटाने का आदेश दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

समाजवादी पार्टी नेता ने लगवाए थे चिन्मयानंद और सेंगर के पोस्टर

समाजवादी पार्टी के नेता आई.पी सिंह ने बीते गुरुवार रात रेप के मामले में दोषी भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और रेप के ही आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के तस्वीर वाले बड़े-बड़े पोस्टर ठीक उसी जगह पर लगा दिए थे, जहां पर योगी सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में दिसम्बर में हुई हिंसा में शामिल लोगों कें संबंध में पोस्टर लगाए थे। सपा नेता आई.पी सिंह ने शुक्रवार को कहा था '' मैंने गुरुवार रात करीब 11 बजे शहर में करीब 50 जगह ऐसे पोस्टर लगवाए थे लेकिन देर रात करीब एक बजे आला अधिकारियों ने पुलिस की मदद से इन पोस्टरों को हटवा दिया। ये पोस्टर काले रंग के थे और इनमें कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद की तस्वीर थी।''

Web Title: UP congress leader sudhanshu bajpayee and ashwani arrested for putting controversial poster

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