CWC: सोनिया गांधी की अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश, मनमोहन सिंह ने किया पद पर बने रहने का आग्रह
By विनीत कुमार | Updated: August 24, 2020 12:16 IST2020-08-24T12:16:50+5:302020-08-24T12:16:50+5:30
सोनिया गांधी ने पूर्णकालिक अध्यक्ष को लेकर लिखी गई चिट्टी के विवाद के बाद CWC बैठक में अपना पद छोड़ने की पेशकश कर दी है। हालांकि मनमोहन सिंह ने उन्हें पद पर बने रहने का आग्रह किया है।

CWC: सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की (फोटो-एएनआई)
सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में अंतरिम अध्यक्ष पद को छोड़ने की पेशकश की है। सोनिया का ये बयान CWC में उस समय आया है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं की ओर से चिट्ठी लिखकर पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष को लेकर मांग उठाए जाने की बात सामने आई।
CWC में सोनिया गांधी के बयान को केसी वेणुगोपाल ने पढ़ा। सोनिया गांधी ने अन्य नेताओं से नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा। हालांकि, इसके तत्काल बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी से अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया।
Sonia Gandhi asks CWC to relieve her as interim party chief, ex-PM Manmohan Singh urges her to continue:Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2020
मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने उन नेताओं की आलोचना भी की जिन्होंने नेतृत्व में बदलाव की मांग के लिए चिट्ठी लिखी थी। इसके बाद जब राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया तो एके एंटनी ने उनसे पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह किया।
राहुल गांधी 'चिट्ठी कांड' से नाराज
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने इस बैठक में नाराजगी भरे लहजे में कहा कि चिट्ठी के लिए ऐसा समय क्यों चुना गया जब कांग्रेस पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में संकट का सामना कर रही थी और कांग्रेस की अध्यक्ष बीमार थीं।
CWC meet: Rahul Gandhi criticises letter by some leaders, questions its timing, say sources
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2020
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की CWC की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है।
कांग्रेस से जुड़े इस पत्र के कल सामने आने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।