पटना। एम्स में भर्ती डा. रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे वाली चिट्ठी के जवाब में रांची के रिम्स में भर्ती राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी हाथ से लिखी चिट्ठी भेज दी है. लालू यादव ने लिखा है- मुझे आपके इस चिट्ठी पर भरोसा नहीं है. आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समझ लीजिये. लालू ने कहा है कि रघुवंश बाबू पहले आप स्वस्थ हो जाइए. फिर बैठकर बात करेंगे. राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज सुबह लालू को 30 शब्दों की चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसी के जवाब में लालू ने उन्हें चिट्ठी लिखी है.
रांची स्थित होटवार जेल के अधीक्षक की अनुमति से पत्र मीडिया में जारी हुआ है. रांची से रघुवंश प्रसाद सिंह को भेजी गई चिट्ठी में लालू प्रसाद यादव ने लिखा है, 'प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है. मुझे वो विश्वास ही नहीं होता. अभी मेरे और मेरे परिवार के साथ ही राजद परिवार भी आपको स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है.’
लालू आगे लिखते हैं, 'चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक में मिल बैठकर विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठ के बात करेंगे आप कहीं नहीं जा रहे हैं. समझ लीजिए. आपका, लालू प्रसाद.'
दरअसल, इससे पहले डा. रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिल्ली के एम्स से लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिख कर राजद से इस्तीफे का एलान किया था. रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू प्रसाद यादव को लिखे पत्र में लिखा था कि “जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा. लेकिन अब नहीं. पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बडा स्नेह दिया है. मुझे क्षमा करें.“
रघुवंश प्रसाद सिंह के इस पत्र के राजद में हडकंप मच गया है. रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे कद्दावर नेता के इस्तीफे से पूरी लालू फैमिली सकते में है. राजद आलाकमान ने अपने तमाम नेताओं को रघुवंश बाबू के मामले में बोलने से साफ मना कर दिया था. वहीं लालू प्रसाद यादव रिम्स से डैमेज कंट्रोल में लग गये थे. राजद सूत्रों के मुताबिक लालू ने कई दफे रघुवंश प्रसाद सिंह से फोन पर बात करने की कोशिश की. लेकिन एम्स में एडमिट रघुवंश बाबू को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है. वहां फोन से बात हो पाना संभव ही नहीं था. लिहाजा लालू यादव को चिट्ठी लिखनी पडी.
यहां उल्लेखनीय है कि चुनावी मौसम में रघुवंश बाबू के इस्तीफ ने जदयू-भाजपा को राजद पर हमला बोलने का मौका दे दिया है. जदयू नेता रघुवंश सिंह के इस्तीफे के सहारे लोगों को ये बताने में लग गये थे कि राजद में परिवार के अलावा किसी की कोई पूछ नहीं है. ऐसे में राजद में बेचैनी है.