Rajya Sabha Election 2020: सीट 55, 26 मार्च को मतदान, फिर से संसद में दिखेंगे हरिवंश, शरद पवार, दिग्विजय सिंह सहित कई सांसद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 17, 2020 20:57 IST2020-03-17T20:57:08+5:302020-03-17T20:57:08+5:30

राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अपैल में विभिन्न तारीखों को समाप्त होने के चलते 17 राज्यों में इन 55 सीटों में 51 सीटें रिक्त हुई हैं। जबकि चार अन्य सीटें सदस्यों के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई हैं।

Rajya Sabha Election 2020 seat 55, voting on 26 March, Harivansh, Sharad Pawar, Digvijay Singh again Parliament | Rajya Sabha Election 2020: सीट 55, 26 मार्च को मतदान, फिर से संसद में दिखेंगे हरिवंश, शरद पवार, दिग्विजय सिंह सहित कई सांसद

चुनाव के बाद 245 सदस्यीय राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

Highlightsहरियाणा से राज्यसभा की एक सीट पर भी उपचुनाव होगा। यह सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने खाली की थी।मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है। कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है।

राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म: हरिवंश, पवार, दिग्विजय, सिंधिया मैदान में

नई दिल्लीः राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव में उच्च सदन के उप सभापति हरिवंश, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और भाजपा में कुछ ही दिन पहले शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, कई उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित होने वाले हैं।

चुनाव संपन्न होने के एक घंटे बाद मतगणना भी 26 मार्च को ही होगी। हर दो साल पर होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन भरने का अंतिम दिन शु्क्रवार था। राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अपैल में विभिन्न तारीखों को समाप्त होने के चलते 17 राज्यों में इन 55 सीटों में 51 सीटें रिक्त हुई हैं। जबकि चार अन्य सीटें सदस्यों के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई हैं।

हरियाणा से राज्यसभा की एक सीट पर भी उपचुनाव होगा। यह सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने खाली की थी। मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है। वहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है। राज्य की तीन सीटों के कुल छह उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है।

दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री रंजना बघेल, प्रोफेसर सुमेर सिंह सोलंकी भाजपा के उम्मीदवार हैं। राम दास दहीवाले ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है।

भाजपा और कांग्रेस, दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक प्रत्याशियों को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के साथ संख्याबल के इस खेल में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।

इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। राज्य की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या आधिकारिक रूप से 114 है, जबकि पार्टी को चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है।

भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुख्य रूप से मुकाबला

बेंगलुरु में डेरा डाले अगर 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान वे अनुपस्थित रहते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे, जबकि भाजपा के खेमें में 107 विधायक होंगे। उम्मीद है कि भाजपा के सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे क्योंकि वे संभवत: अपनी-अपनी पार्टियों की पहली पसंद है। मप्र में तीसरी सीट के लिए भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुख्य रूप से मुकाबला होगा।

मध्य प्रदेश के अलावा, महाराष्ट्र से सात, तमिलनाडु से छह, पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच-पांच, ओडिशा, गुजरात एवं आंध्र प्रदेश से चार-चार, असम एवं राजस्थान से तीन-तीन, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड से दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय से एक-एक रिक्तियां हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के ज्यादातर सीटें जीतने की उम्मीद है। वहीं, इस चुनाव के बाद 245 सदस्यीय राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र में रिक्त हो रही राज्यसभा की सात सीटों के लिए पवार और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (दोनों राज्यसभा के मौजूदा सदस्य हैं), मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज एवं भाजपा के उदयनराजे भोंसले और भागवत कराड, कांग्रेस महासचिव राजीव सातव, शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी और राकांपा की पूर्व मंत्री फौजिया खान चुनाव मैदान में हैं।

पड़ोसी राज्य गुजरात में भी करीबी मुकाबला देखने को मिलने की उम्मीद है, जहां रिक्त हो रही चार सीटों के लिए भाजपा से तीन उम्मीदवार--अभय भारद्वाज,रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन-- तथा कांग्रेस से शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी चुनाव मैदान में हैं। इसबीच, निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने शुक्रवार को कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दिनेश त्रिवेदी, अर्पिता घोष, मौसम नूर और सुब्रत बख्शी को उम्मीदवार बनाया है।

विपक्ष के नेता अब्दुल मनन ने आरोप लगाया कि बजाज को तृणमूल कांग्रेस ने पांचवीं सीट पर माकपा-कांग्रेस के आमराय से तय किये गये उम्मीदवार बिकास रंजन भट्टाचार्य को हराने के लिए उतारा है। उधर, बिहार में सभी पांचों उम्मीदवार--हरिवंश(जदयू), रामनाथ ठाकुर और विवेक ठाकुर (दोनों भाजपा से) और प्रेम चंद गुप्ता एवं ए डी सिंह (दोनों राजद से)-- के 18 मार्च को विजेता घोषित होने की उम्मीद है। यह तारीख नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है।

असम में भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व सांसद भुवनेश्वर कलिता को उम्मीदवार बनाया है

झारखंड में दो सीटों के लिए सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन और कांग्रेस के शहजादा अनवर को उम्मीदवार बनाया है जबकि प्रदेश भाजपा प्रमुख दीपक प्रकाश भगवा पार्टी के प्रत्याशी हैं। ओडिशा में बीजद के सभी चार उम्मीदवारों--सुभाष सिंह, मुन्ना खान, सुजीत कुमार और ममता महंत--के जीतने की उम्मीद है। असम में भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व सांसद भुवनेश्वर कलिता को उम्मीदवार बनाया है।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अजीत कुमार भुइयां को विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ का समर्थन हासिल है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार के टी एस तुलसी और फूलो देवी नेताम निर्विरोध जीतने वाले हैं। वहां विपक्षी भाजपा ने विधानसभा में अपनी कम संख्या को देखते हुए उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। हिमाचल प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रमुख इंदु गोस्वामी के भी निर्विरोध जीतने वाली हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस से सहयोग करने को कहा और विपक्षी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया।

राजस्थान में तीन सीटों के लिए चुनाव होंगे। वहां कांग्रेस ने पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश महासचिव नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने राजेंद्र गहलोत को उतारा है। पूर्व विधायक ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा भरा है।

लखावत ने कहा कि वह पार्टी के निर्देश पर पर्चा दाखिल कर रहे हैं। राज्य विधानसभा में संख्या बल के आधार पर कांग्रेस को दो व भाजपा को एक सीट मिलने की संभावना है। हरियाणा से भाजपा के राम चंदर जांगरा और कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्विरोध जीतने वाले हैं। बीरेंद्र सिंह का कार्यकाल एक अगस्त 2022 को समाप्त हो रहा था लेकिन उन्होंने 20 जनवरी को इस्तीफा दे दिया। इस शेष कार्यकाल के लिए भाजपा के दुष्यंत कुमार गौतम राज्यसभा में प्रवेश करने वाले हैं। 

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