राजस्थान में सियासत तेजः बागी नेता सचिन पायलट के ढीले पड़े तेवर, किसी समय हो सकती है कांग्रेस में वापसी
By शीलेष शर्मा | Updated: August 10, 2020 19:03 IST2020-08-10T19:03:46+5:302020-08-10T19:03:46+5:30
दोपहर एक बजे सचिन राहुल गाँधी से मिलने उनके आवास तुग़लक़ लेन पहुंचे लगभग 20 मिनट बाद प्रियंका गाँधी भी वहाँ पहुँच गयी। तीनों नेता दो घंटा 55 मिनट तक चर्चा करते रहे। बैठक के शुरू में ही राहुल ने साफ़ कर दिया कि गहलोत को हटाने के सवाल पर कोई बात नहीं होगी।

सचिन के लिये केंद्रीय संघटन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिये जाने का भी प्रस्ताव है। अब सचिन को तैय करना है कि वह क्या स्वीकार करते हैं। (file photo)
नई दिल्लीः राजस्थान विधान सभा के 14 अगस्त से शुरू हो रहे सत्र के पहले ही कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट अपने साथी विधायकों के साथ कांग्रेस में वापसी करेंगे।
यह हालात उस समय बने जब आज दोपहर एक बजे सचिन राहुल गाँधी से मिलने उनके आवास तुग़लक़ लेन पहुंचे लगभग 20 मिनट बाद प्रियंका गाँधी भी वहाँ पहुँच गयी। तीनों नेता दो घंटा 55 मिनट तक चर्चा करते रहे। बैठक के शुरू में ही राहुल ने साफ़ कर दिया कि गहलोत को हटाने के सवाल पर कोई बात नहीं होगी।
इसके अलावा उनकी हर बात का समाधान करने के लिये नेतृत्व तैयार है। सचिन से बातचीत कर राहुल और प्रियंका ठीक 3 बजे 10 जनपथ पहुंचे और सोनिया को पूरी जानकारी दी। सूत्र बताते हैं कि सोनिया ने इस चर्चा के बाद सचिन की वापसी का जो फार्मूला तैयार किया है उसके तहत उनको अब राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष का पद नहीं मिल पाएगा, वह उप मुख्यमंत्री रह सकते हैं अथवा यह पद अपने खेमे के किसी अन्य विधायक को दे सकते हैं।
पायलट और गहलोत के बीच समन्वय बैठाने के लिये एक केंद्रीय नेताओं की कमेटी गठित होगी, सचिन समर्थक विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जायेगा,सभी मामले वापस होंगे। सचिन के लिये केंद्रीय संघटन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिये जाने का भी प्रस्ताव है। अब सचिन को तैय करना है कि वह क्या स्वीकार करते हैं।
आज के घटनाक्रम की भूमिका उसी समय तय हो गयी थी जब शनिवार की देर शाम सचिन पायलट ने प्रियंका गाँधी से फोन पर बात की ,सूत्र बताते हैं कि पायलट ने प्रियंका को साफ़ कहा कि वह कभी कांग्रेस के खिलाफ नहीं थे उनकी शिकायत मुख्यमंत्री गेहलोत से थी ,क्योंकि उनका लगातार असम्मान किया जा रहा था ,वह सम्मान के साथ वापसी चाहते हैं।
सचिन पायलट ने यह कदम उस समय उठाया जब उनको जानकारी मिली कि उनके साथ खड़े विधायकों में 6 विधायक लौटने की तैयारी कर चुके हैं। इन 6 विधायकों में 3 विधायक सीधे गेहलोत के संपर्क में हैं तथा अन्य 3 विधायक के सी वेणुगोपाल और अहमद पटेल से संपर्क बनाये हुये हैं।
इस जानकारी मिलने के बाद पायलट को लगने लगा कि वह जंग हार जायेंगे ,इतना ही नहीं भाजपा विधायकों में टूट की संभावनाओं को देखते हुए सचिन ने प्रियंका से संपर्क किया। सचिन पायलट से चर्चा कर उन्होंने राहुल और सोनिया गाँधी को इस घटनाक्रम से अवगत कराया।
गहलोत सरकार को बचाने के लिये सोनिया के निर्देश पर काम कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इसकी पुष्टि की और कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने अहमद पटेल तथा के सी वेणुगोपाल को कहा है कि वह सचिन पायलट से बात करें तथा उनकी वापसी का सम्मान जनक रास्ता निकालें ,परन्तु यह साफ़ कर दें कि राजस्थान में गेहलोत ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसी बीच सोनिया ने अशोक गहलोत को विश्वास में लिया और सचिन की वापसी के दरवाज़े खोल दिये।