राजस्थान चुनावः कांग्रेस के जबड़े से बीजेपी ने छीनी थी सीकर सीट, बदले की ताक में है ये दिग्गज नेता
By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 2, 2018 13:15 IST2018-10-02T07:27:55+5:302018-10-02T13:15:25+5:30
Rajasthan Assembly Elections 2018 (राजस्थान चुनाव): सीकर जिले में कुल 8 विधानसभा सीटे हैं। साल 2013 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16,76,024 मतदाता थे, जिनमें से 12,42,035 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। यह संख्या कुल 74.1 फीसदी के आसपास थी। हर बार वोटिंग प्रतिशत अधिक होने पर यहां सत्ता बदल जाती है।

बायीं तरफ वसुंधरा राजे सिंधिया दाहिनी तरफ सचिन पायल, बीच में सीकर सीट के दिग्गज नेता राजेंद्र परीक
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इसी सप्ताह चुनाव आयोग विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ी घोषणा कर सकता है। एक स्थानीय टीवी रिपोर्ट की मानें तो आगामी पांच अक्टूबर से तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है। ऐसे में राजस्थान में पहले से अमित शाह, नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक कूद चुके हैं। जैसा कि राजस्थान का ऐतिहासिक दस्तूर है, सत्ता परिवर्तन। इसलिए कांग्रेस उन सभी सीटों पर पूरी ताकत झोंकने में लगी है, जो पहले उसकी गढ़ रही हैं या 2013 में कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसी ही एक सीट है सीकर विधानसभा सीट।
दिग्गज कांग्रेसी नेता वापस पाना चाहते हैं खोई साख
पिछले तीन विधानसभा चुनाव से सीकर में हर बार परिवर्तन देखने को मिला है। इससे पहले कांग्रेस ने तीन बार यह सीट जीती थी। उससे पहले घनश्याम तिवाड़ी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को दो बार सीकर विधानसभा सीट पर विजयी किया था। लेकिन अब बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को नाराज कर दिया है। उन्होंने खुद की पार्टी बनाकर सूबे में चुनाव में घोषणा कर दी है। ऐसे में वह अपनी सीट पर पूरा जोर लगाएंगे।
लेकिन इस सीट के दिग्गज कांग्रेस नेता राजेंद्र परीक अपनी खोई साख वापस पाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। वह सीकर से चार बार विधायक रह चुके हैं। पिछले चुनाव में भी वह दूसरे नंबर रहे थे। सूत्रों के मिली जानकारी अनुसार राजेंद्र पर फिर से कांग्रेस भरोसा दिखा सकती है। वह क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं।
सीकर सीट पर 2013 विधानसभा चुनाव परिणाम
1. रतन लाल (बीजेपी)- 59,587 (38%)
2. राजेंद्र पारीक (कांग्रेस)- 46,572 (29%)
3. वाहिद चौहान (एनयूजेडपी)- 39,768 (25%)
एक नजर सीकर सीट की इतिहास पर
| साल | विधानसभा | कैटेगरी | विजयी प्रत्याशी | विजयी प्रत्याशियों का लिंग | विजयी पार्टी |
|---|---|---|---|---|---|
| 1957 | सीकर | सामान्य | जगदीश प्रसाद | पुरुष | भारतीय जन संघ |
| 1962 | सीकर | सामान्य | स्वरूप नारायण | पुरुष | कांग्रेस |
| 1967 | सीकर | सामान्य | आर सिंह | पुरुष | कांग्रेस |
| 1972 | सीकर | सामान्य | गोर्धन सिंह | पुरुष | एसडब्लूए |
| 1977 | सीकर | सामान्य | रणमाल सिंह | पुरुष | कांग्रेस |
| 1980 | सीकर | सामान्य | घनश्याम तिवाड़ी | पुरुष | बीजेपी |
| 1985 | सीकर | सामान्य | घनश्याम तिवाड़ी | पुरुष | बीजेपी |
| 1990 | सीकर | सामान्य | राजेंद्र परीक | पुरुष | कांग्रेस |
| 1995 | सीकर | सामान्य | राजेंद्र परीक | पुरुष | कांग्रेस |
| 1998 | सीकर | सामान्य | राजेंद्र परीक | पुरुष | कांग्रेस |
| 2003 | सीकर | सामान्य | राजकुमारी शर्मा | महिला | बीजेपी |
| 2008 | सीकर | सामान्य | राजेंद्र परीक | पुरुष | कांग्रेस |
| 2013 | सीकर | सामान्य | रतनलाल झालधरी | पुरुष | बीजेपी |
बीजेपी-कांग्रेस का काम बिगाड़ सकते हैं हनुमान बेनीवाल
बीजेपी से विधायक रहे घनश्याम तिवाड़ी ने भी अपना नया दल भारत वाहिनी पार्टी बनाया है, जिसके बाद से वह भी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में है। वह कह चुके हैं कि हमारी पार्टी सूबे की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन जिन सीटों पर बेनीवाल के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित होगी उन सीटों पर उनका समर्थन किया जाएगा। इससे साफ है कि इस विधानसभा चुनाव में घनश्याम तिवाड़ी और हनुमान बेनीवाल बीजेपी कांग्रेस के लिए बड़ी समस्या खड़ी करने वाले हैं। खास बात यह है कि हनुमान बेनीवाल की नजर शेखावटी रीजन के अंतर्गत आने वाले जिले सीकर पर है।
सीकर जिले का मिजाज
सीकर जिले में कुल 8 विधानसभा सीटे हैं। साल 2013 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16,76,024 मतदाता थे, जिनमें से 12,42,035 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। यह संख्या कुल 74.1 फीसदी के आसपास थी। हर बार वोटिंग प्रतिशत अधिक होने पर यहां सत्ता बदल जाती है।
इस जीले में सात सामान्य सीट हैं। इनमें फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, सीकर, दांतारामगढ़, खंडेला, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर हैं। जिले की एक सीट धोद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस जिले को अपनी कला-संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। इसी जिले में सात गेटों वाली किलेबंदी है, जिसे बवारी गेट से जाना जाता है।
राजस्थान विधानसभा का मौजूदा स्वरूप
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कुल 200 सीटों पर चुनाव होते हैं। इनमें से 142 सीट सामान्य हैं, जबकि 33 सीटें अनुसूचित जाति व 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। साल 2013 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीटों के साथ सरकार बनाई बनाई थी। कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी रही जिसे 4, व चौथे नंबर बहुजन समाज पार्टी रही, जिसे 3 सीटों पर जीत मिली। जबकि 7 सीटें निर्दलियों के खाते में गई थीं।