सीएम उद्धव ठाकरे की ‘जलियांवाला बाग’ टिप्पणी पर पवार ने कहा, गठबंधन सही रास्ते पर हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2019 13:44 IST2019-12-19T13:44:06+5:302019-12-19T13:44:06+5:30
ठाकरे ने संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की थी। पवार ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो ऐसा लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं और हमारी सरकार लंबे समय तक चलेगी।’’

पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह के संकेत हैं कि देश के कुछ हिस्सों में भाजपा-विरोधी भावनाएं उमड़ रही हैं।’’
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का केन्द्र पर ‘‘जलियांवाला बाग फिर से’’ संबंधी कटाक्ष इस बात का संकेत है कि शिवसेना, उनकी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन ‘‘सही रास्ते’’ पर हैं।
ठाकरे ने संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की थी। पवार ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो ऐसा लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं और हमारी सरकार लंबे समय तक चलेगी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के अधिकांश स्थानीय निकाय चुनावों में, तीन दलों के स्थानीय कार्यकर्ताओं के सीट-बंटवारे पर सहमति दिखाई देती है।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि देश को सत्तारूढ़ भाजपा के विकल्प की जरूरत है जो देश में टिक सके। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन बनने की संभावनाओं के सवाल पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह के संकेत हैं कि देश के कुछ हिस्सों में भाजपा-विरोधी भावनाएं उमड़ रही हैं।’’
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का परोक्ष उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘लोगों को ऐसे बदलाव के लिए विकल्प की जरूरत है और ऐसे विकल्प को देश में टिकना होगा।’’ राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान वहां के प्रधानमंत्री ली नाक-योन से मुलाकात की थी।
राहुल गांधी की दक्षिण कोरिया की यात्रा ऐसे समय में हुई जब भारत में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विपक्ष के नेताओं की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के संदर्भ में पवार ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि गैर-भाजपाई दल कुछ समान मुद्दों पर साथ आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का मुकाबला करने के लिहाज से एक अधिक ‘संगठित ढांचा’ बनाने के लिए इन दलों को थोड़ा और वक्त चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून पर बढ़ते विरोध के बारे में पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ऐसी उम्मीद थी कि अशांति कुछ राज्यों तक सीमित रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा की इस आंकाक्षा के विपरीत कि कुछ राज्यों में नये कानून का स्वागत किया जाएगा, उसके शासन वाले असम में भी अधिनियम का विरोध हो रहा है। वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘अगर किसी राज्य को एनआरसी लागू करना पड़ा और लोगों को डिटेंशन केंद्रों में रखना पड़ा तो यह अव्यावहारिक होगा। ऐसे केंद्रों में कितने लोगों को रखा जा सकेगा और कब तक रखा जा सकेगा?’’