राजस्थान के सियासी ड्रामे के बीच अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का भी बयान आ गया है। सचिन पायलट के बगावत पर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कहा कि इस मामले से उनका कोई जुड़ाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला को बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि झूठे और घटिया आरोप सुनकर तंग हो गया हूं कि राजस्थान में सचिन पायलट जो कुछ भी कर रहे हैं उसका किसी तरह से फारूक अब्दुल्ला या उनकी रिहाई से लेना देना है। अब बहुत हुआ। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीगसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मेरे वकील बघेल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
जानिए क्या कहा था भूपेश बघेल ने
दरअसल, उमर अब्दुला ने भूपेश बघेल के एक बयान का खंडन करते हुए ये बातें कही हैं। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंग्रेजी वेबसाइट द हिन्दू से बात के दौरान कहा था कि वे राजस्थान के घटनाक्रम का बारीकी से अध्ययन नहीं कर रहे हैं लेकिन ये हैरानी की बात है कि उमर अब्दुल्ला को रिहा क्यो किया गया? भूपेश बघेल ने कहा कि उन्हें और महबूबा मुफ्ती एक ही धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जबकि महबूबा मुफ्ती अभी भी जेल में हैं, उमर अब्दुल्ला बाहर आ गए हैं, क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि उमर अबदुल्ला और सचिन पायलट के बीच रिश्तेदारी है।
मालूम हो कि सचिन पायलट की शादी उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला के साथ हुई है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म होने के बाद कश्मीर घाटी में इसका विरोध हुआ। इसी दौरान उमर और उनके पिता फारुक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया था। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी और सचिन पायलट के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आज ही सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा है।
गहलोत ने फिर सचिन पर किया तीखा वार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी नेता सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान-सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने का तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिले कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के षडयंत्र किया।
गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 'निकम्मा एवं नकारा' होने के बावजूद पायलट सात साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे लेकिन पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई। हम जानते थे कि 'निक्कमा' है, 'नकारा' है, कुछ काम नहीं कर रहा है ... खाली लोगों को लड़वा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी राजस्थान में हमारी संस्कृति ऐसी है, हम नहीं चाहते थे कि दिल्ली में लगे कि राजस्थान वाले लड़ रहे हैं। उनका मान सम्मान रखा। प्रदेश कांग्रेस को कैसे सम्मान दिया जाता है वह मैंने राजस्थान में लोगों को सिखाया। उम्र नहीं पद मायने रखता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मान सम्मान पूरा दिया। सब कुछ किया... वह व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंके जाने के लिए तैयार हो जाए?’