MP ki Taja Khabar: सियासी संकट के बीच आज राज्यपाल से मिलेंगे CM कमलनाथ, राज्य के राजनीतिक हालात पर होगी चर्चा
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 13, 2020 10:41 IST2020-03-13T10:41:04+5:302020-03-13T10:41:04+5:30
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होते ही मध्य प्रदेश सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं । दोनों पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों को राज्य की राजधानी से दूर भेज दिया है।

kamalnath (File Photo)
भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच आज (13 मार्च) राज्यपाल लालजी टंडन भोपाल लौट आए हैं। सीएम कमलनाथ आज उनसे उनसे मिलने वाले हैं। इस मुलाकात में प्रदेश के बदले राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। कमलनाथ और राज्यपाल के बीच आज सुबह 11 बजे राजभवन में मुलाकात का समय तय है। मौजूदा राजनीतिक हालात के बीच सीएम कमलनाथ की राज्यपाल से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। विधानसभा का सत्र 16 मार्च से है। बीजेपी राज्यपाल के अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है।
बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी भोपाल में हैं। वह आज को विधानसभा जाकर राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी 22 विधायकों के इस्तीफों से मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस गिरने की कगार पर पहुंच गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दिया और 11 मार्च को भाजपा (BJP) में शामिल हुए हैं।
22 बागी विधायकों को भी विधानसभा अध्यक्ष के सामने आज होना होगा पेश
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को आज (13 मार्च) उनके समक्ष पेश होने का नोटिस जारी किया था। विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने 22 बागी विधायकों को नोटिस जारी करते हुए यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है अथवा किसी के दबाव में यह कदम उठाया है? विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने यह कदम तब उठाया जब राज्य के मंत्री जीतू पटवारी को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक रिजॉर्ट में जाने से पुलिस ने कथित तौर पर रोका और उन्हें हिरासत में ले लिया। माना जा रहा है कि 22 में से 19 विधायक इसी रिजॉर्ट में ठहरे हैं। जिन 22 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उन्हें वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य माधराव सिंधिया का समर्थक माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश का मौजूदा गणित समझिए
कांग्रेस के बागी विधायकों के त्यागपत्र से पहले प्रदेश कांग्रेस 114 विधायकों की संख्या के साथ कमजोर बहुमत पर खड़ी थी। राज्य में फिलहाल विधानसभा की कुल 228 सीटें हैं। कांग्रेस सरकार को चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का भी समर्थन हासिल है। प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 107 है।