ममता बनर्जी ने हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार की तुलना सीता की अग्नि परीक्षा से की

By भाषा | Updated: October 2, 2020 06:39 IST2020-10-02T06:39:55+5:302020-10-02T06:39:55+5:30

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘एक बार देवी सीता को अग्नि- परीक्षा से गुजरना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश में दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके शव को अग्नि के हवाले कर दिया गया।’’

Mamta Banerjee compares the funeral of Hathras victim to Sita's ordeal | ममता बनर्जी ने हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार की तुलना सीता की अग्नि परीक्षा से की

ममत बनर्जी (फाइल फोटो)

Highlightsममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में यदि कोई अपराध होता है तो कार्रवाई 72 घंटे के अंदर होनी चाहिए जैसा हमने किया।ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि अपराध करने वालों ने युवती की मां को धमकाया कि उन्हें भी उनकी बेटी के साथ चिता पर लिटा दिया जाएगा।इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि मेरे पास हाथरस में दलित युवती के साथ हुई बर्बरतापूर्ण एवं शर्मनाक घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को हाथरस कांड की पीड़िता के देर रात में अंतिम संस्कार की तुलना सीता की ‘अग्नि-परीक्षा’ से की, वहीं राज्य में कांग्रेस ने अनेक स्थानों पर उत्तर प्रदेश की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।

भाजपा की प्रदेश इकाई ने बनर्जी पर ‘दोहरे मानदंड’ रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके राज्य में इसी तरह की घटनाओं पर वह चुप रहती हैं। जलपाईगुड़ी जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने इस मामले को संभालने को लेकर उत्तर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक बार देवी सीता को अग्नि- परीक्षा से गुजरना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश में दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके शव को अग्नि के हवाले कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई अपराध होता है तो कार्रवाई 72 घंटे के अंदर होनी चाहिए जैसा हमने किया। यह किस तरह का प्रशासन है जहां रात के अंधेरे में युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया और (आरोपियों के खिलाफ) कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि अपराध करने वालों ने युवती की मां को धमकाया कि उन्हें भी उनकी बेटी के साथ चिता पर लिटा दिया जाएगा। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, ‘‘मेरे पास हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुई बर्बरतापूर्ण एवं शर्मनाक घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं उसके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘परिवार की मौजूदगी या सहमति के बिना जबरन अंतिम संस्कार किया जाना और भी शर्मनाक है और इसने उन लोगों की कलई खोल दी है, जो मत हासिल करने के लिए नारे लगाते हैं और झूठे वादे करते हैं।’’ भाजपा का परोक्ष हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘‘दलितों के खिलाफ काफी अत्याचार हुए हैं। चुनाव के दौरान कुछ नेता उनके घर जाते हैं और बाहर से खाना मंगाते हैं और ऐसा दिखाते हैं कि जैसे उन्होंने उनके साथ भोज किया है। चुनाव के बाद, वे उन पर क्रूरता के कार्य करते हैं।’’

तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने भी घटनाक्रम की निंदा की। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं से ‘घड़ियाली आंसू बहाना बंद करने को कहा’।

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। उन्हें पहले अपने घर को सही करना चाहिए फिर दूसरों को उपदेश देने चाहिए। बंगाल में इस तरह की घटनाओं पर वे क्यों चुप रहते हैं।’’  

Web Title: Mamta Banerjee compares the funeral of Hathras victim to Sita's ordeal

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