महाविकास आघाड़ी सरकारः राकांपा-शिवसेना के रुख से कांग्रेस में नाराजगी, सहयोगी दल ही उद्धव सरकार को पंक्चर करेंगे क्या!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: February 8, 2021 18:52 IST2021-02-08T18:50:12+5:302021-02-08T18:52:11+5:30
शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी की सरकारः पदाधिकारियों ने दावा किया कि शिवसेना- राकांपा का गेम प्लान है कि वे कांग्रेस के वजनदार लोगों को अपने पाले में करके अपने संगठन को मजबूत करें.

भविष्य में भी ऐसा हुआ तो कांग्रेस के भी हाथ खोलने की अनुमति आलाकमान से मांगी जाएगी. (file photo)
नागपुरः कांग्रेस के पदाधिकारियों में राकांपा एवं शिवसेना के रुख को लेकर नाराजगी फैल रही है. उनका कहना है कि प्रदेश में शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी की सरकार है.
विपक्ष इसे तीन पहियों वाले रिक्शा की सरकार कह रहा है. ऐसे माहौल में शिवसेना एवं राकांपा द्वारा कांग्रेस में सेंध लगाई जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सहयोगी दल ही सरकार को पंक्चर करेंगे. कांग्रेस ने इन शिकायतों को देखते हुए प्रकरण की शिकायत प्रदेश समन्वय समिति से करने का फैसला किया है.
शहर कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को देवड़िया भवन में आयोजित की गई. पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश कार्याध्यक्ष चंद्रकांत हांडोरे के समक्ष पदाधिकारियों ने शहराध्यक्ष, विकास ठाकरे के समक्ष शिवसेना एवं राकांपा द्वारा कांग्रेस में सेंध लगाने का मुद्दा उठाया. उनका कहना था कि अगर यह काम विपक्षी भाजपा करती तो समझ में आता. लेकिन अगर यह सहयोगी दल करेंगे तो उसे सहन क्यों करना.
पदाधिकारियों ने दावा किया कि शिवसेना- राकांपा का गेम प्लान है कि वे कांग्रेस के वजनदार लोगों को अपने पाले में करके अपने संगठन को मजबूत करें. कार्याध्यक्ष व शहर अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस मामले की शिकायत समन्वय समिति से की जाएगी.
अगर भविष्य में भी ऐसा हुआ तो कांग्रेस के भी हाथ खोलने की अनुमति आलाकमान से मांगी जाएगी. बैठक में विधायक अभिजीत वंजारी, विशाल मुत्तेमवार, उमाकांत अग्निहोत्री, अतुल कोटेचा, अतुल लोंढे, गिरीश पांडव, उमेश डांगे आदि मौजूद थे.
कांग्रेस को किसने रोका: राकांपा दलों में सेंध लगानी की राजनीति को लेकर कांग्रेस की नाराजगी पर राकांपा ने कहा है कि कांग्रेस को अपने लोगों को संभालना नहीं आता. अगर इन लोगों को राकांपा अधिक सुुविधाजनक लग रही है तो इसमें पार्टी की क्या चूक है.
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने राकांपा के कुछ पदाधिकारियों को टिकट दिया था. इनमें से कुछ आज कांग्रेस के नगरसेवक हैं. उस समय कांग्रेस में कोई चिंता नहीं थी. पार्टी नेताओं का स्पष्ट कहना है कि भले ही प्रदेश में महाविकास आघाड़ी की सरकार हो, लेकिन सभी दलों को अपना संगठन मजबूत करने का अधिकार है. इसके लिए कांग्रेस को किसी ने नहीं रोका है.