लोकसभा चुनाव 2019: आंध्र प्रदेश में होगा बहुकोणीय चुनावी मुकाबला, ‘करो या मरो’ की स्थिति

By भाषा | Updated: March 11, 2019 19:35 IST2019-03-11T19:35:15+5:302019-03-11T19:35:15+5:30

कांग्रेस और तेदेपा ने पिछले साल दिसंबर में तेलंगाना में मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस की करारी हार के बाद यह गठजोड़ टूट गया। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

Lok Sabha election 2019: andhra pradesh alliances lead to multi cornered | लोकसभा चुनाव 2019: आंध्र प्रदेश में होगा बहुकोणीय चुनावी मुकाबला, ‘करो या मरो’ की स्थिति

लोकसभा चुनाव 2019: आंध्र प्रदेश में होगा बहुकोणीय चुनावी मुकाबला, ‘करो या मरो’ की स्थिति

आंध्र प्रदेश में 11 अप्रैल को होने जा रहे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मुकाबला बहुकोणीय होने की संभावना है। सत्तारूढ़ तेदेपा सहित प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए यह ‘‘करो या मरो’’ की लड़ाई मानी जा रही है।

तेलंगाना के अलग होने के बाद अब इस राज्य में 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए 3.71 करोड़ से अधिक योग्य मतदाता हैं। अब तक कोई प्रमुख गठबंधन नहीं बनने के बीच, राज्य में बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है क्योंकि सत्तारूढ़ तेदेपा, मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस सहित प्रमुख दलों की अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी है।

तेदेपा को सत्ता में बने रहने के लिए करना होगा चुनौती का सामना

वर्ष 2014 में आराम से चुनाव जीतने वाली तेदेपा को सत्ता में बने रहने के लिए चुनौती का सामना करना होगा जबकि मुख्य विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस राजनीति में खुद को साबित करने के लिए हर हाल में जीत चाहेगी।

कांग्रेस आंध्र प्रदेश में फिर से मजबूत होने की कोशिश में है। उसे 2014 में राज्य के विभाजन के बाद करारी हार झेलनी पड़ी थी। भाजपा के लिए यहां कुछ भी दांव पर नहीं है लेकिन यह राज्य की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता साबित करने का प्रयास करेगी।

मुख्य  मुकाबला तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के बीच

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आंध्र प्रदेश में मुख्य मुकाबला तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के बीच होगा। सबकी नजर जन सेना पर होंगी क्योंकि यह पार्टी वोट काटकर किसी भी दल को नुकसान पहुंचा सकती है। 

वर्ष 2014 में तेदेपा का भाजपा के साथ गठबंधन था और इसे गठजोड़ को तेलुगू फिल्म स्टार पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने अपना समर्थन दिया था। जन सेना ने उस चुनाव में किसी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे।

कांग्रेस और तेदेपा ने पिछले साल दिसंबर में तेलंगाना में मिलकर चुनाव लड़ा था

लेकिन इस बार, तेदेपा, भाजपा से राजनीतिक संबंध तोड़कर चुनावी मैदान में अकेले उतरी है जबकि जन सेना भाकपा और माकपा के साथ गठबंधन करके पहली बार चुनाव लड़ रही है।

कांग्रेस और तेदेपा ने पिछले साल दिसंबर में तेलंगाना में मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस की करारी हार के बाद यह गठजोड़ टूट गया। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

पिछले चुनावों में, तेदेपा ने 175 सदस्यीय विधानसभा की 102 सीटें जीती थीं जबकि वाईएसआर कांग्रेस, भाजपा ने क्रमश: 67 और चार सीटें हासिल की थीं।

आंध्र की 25 लोकसभा सीटों में तेदेपा ने 15, वाईएसआर कांग्रेस ने आठ और भाजपा ने दो सीटें अपने नाम की थीं।

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