कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद के लिए लॉबिंग हुई तेज, जानें किसे मिल सकती है जिम्मेदारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 7, 2020 14:19 IST2020-01-07T14:19:07+5:302020-01-07T14:19:07+5:30

सिद्धरमैया के अपने एक विश्वस्त के पक्ष में लॉबिंग करने की खबरों के बीच शिवकुमार ने उनसे यह मुलाकात की। इस बीच, पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ विधायक सतीश जरकीहोली ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पार्टी आलाकमान ने उन्हें यह दायित्व सौंपा तो वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सक्षम हैं।

Lobbying for the post of Karnataka Pradesh Congress chief intensified, know who can get the responsibility | कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पद के लिए लॉबिंग हुई तेज, जानें किसे मिल सकती है जिम्मेदारी

पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी के विश्वस्तों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया है।

Highlightsपूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी के विश्वस्तों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया है।सूत्रों ने बताया कि प्रदेश प्रमुख का पद किसी और नेता को दिए जाने की संभावना है क्योंकि राव का इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है।

कर्नाटक में कांग्रेस को आगे ले जाने के लिए आम राय बनाने की खातिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के एक दिन बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद हासिल करने की दौड़ तेज हो गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. के. शिवकुमार इस पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से उनके आवास पर मुलाकात की।

सिद्धरमैया के अपने एक विश्वस्त के पक्ष में लॉबिंग करने की खबरों के बीच शिवकुमार ने उनसे यह मुलाकात की। इस बीच, पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ विधायक सतीश जरकीहोली ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पार्टी आलाकमान ने उन्हें यह दायित्व सौंपा तो वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सक्षम हैं। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी के विश्वस्तों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडु राव ने हालिया विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि कांग्रेस 15 सीटों पर हुए उपचुनाव में सिर्फ दो सीट पर ही जीत हासिल कर सकी, जबकि पहले 12 सीटों पर उसका कब्जा था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सिद्धरमैया विपक्ष के नेता पद पर बने रह सकते हैं, वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद किसी और को दिया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश प्रमुख का पद किसी और नेता को दिए जाने की संभावना है क्योंकि राव का इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है। शिवकुमार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं और इस बारे में पार्टी आलाकमान से पहले ही चर्चा कर चुके हैं। सिद्धरमैया से उनकी मुलाकात इन खबरों के बीच मायने रखती है कि पूर्व मुख्यमंत्री इस पद के लिए अपने एक विश्वस्त का समर्थन कर रहे हैं। पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा करने के लिए सिद्धरमैया के जल्द ही दिल्ली की यात्रा करने की उम्मीद है।

सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार ने मुलाकात के दौरान इस प्रतिष्ठित पद पर अपनी नियुक्ति के लिए सिद्धरमैया से सहयोग का अनुरोध किया, साथ ही उनके नेतृत्व के तहत काम करने का वादा किया। हालांकि, मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने विधायक एवं मंत्री के तौर पर सिद्धरमैया के तहत काम किया है और करीब दो घंटे की मुलाकात के बारे में कुछ भी खास नहीं है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘...मैं किसी पद के लिए प्रतिस्पर्धी नहीं हूं, मैं कोई पद नहीं मांगूगा, वह वक्त खत्म हो गया है। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा।’’ ॉ

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता एवं विधायक सतीश जरकीहोली ने कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान जिस किसी के बारे में फैसला करेगा, उसके नेतृत्व के तहत काम करने और सहयोग करने का फैसला लिया गया है। देखते हैं, यह फैसला आलाकमान को करना है (केपीसीसी प्रमुख कौन होगा)। ’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस पद के आकांक्षी हैं, जरकीहोली ने बेलगावी में कहा, ‘‘मैंने नहीं मांगा है, लेकिन यदि दिया गया तो मैं इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाउंगा।’’ इस बीच, सात बार विधायक चुने गए कांग्रेस नेता रामलिंगा रेड्डी के विश्वस्तों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्हें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बनाने की मांग की। बेंगलुरु के पूर्व मेयर एवं रेड्डी के करीबी विश्वस्त माने जाने वाले बीएन मंजूनाथ रेड्डी ने ट्वीट कर उन्हें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बनाये बनाए जाने का समर्थन किया।

पिछले साल गठबंधन सरकार द्वारा राजनीतिक घमासान का सामना किए जाने के दौरान रेड्डी ने इस्तीफा देने की धमकी दी थी। दरअसल, वह पार्टी में दरकिनार किए जाने को लेकर नाखुश थे। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कांग्रेस में बने रहने का फैसला किया था। विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद प्रदेश में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस्तीफा देने से संभवत: एक शून्य पैदा हो जाने को ध्यान में रखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को यहां मुलाकात की।

उनका उद्देश्य आगे के लिए एक आमराय बनाना था। सूत्रों के मुताबिक चर्चा के लिए कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं के दिल्ली आने से पहले यह बैठक प्रदेश इकाई में मतभेदों को दूर करने, पार्टी को आगे ले जाने के लिए आम राय बनाने के लिए और अहम पदों पर नियुक्तियों के बारे में पार्टी आलाकमान से मिले निर्देशों के बाद बुलाई गई।

प्रदेश प्रमुख पद के अन्य आकांक्षियों में पार्टी के वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा और प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी प्रमुख ईश्वर खांडरे का नाम भी शामिल समझा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर और एच के पाटिल, उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें कांग्रेस विधायक दल पद की दौड़ में आगे देखा जा रहा है। यह पद सिद्धरमैया ने खाली किया है।  

 

English summary :
Lobbying for the post of Karnataka Pradesh Congress chief intensified, know who can get the responsibility


Web Title: Lobbying for the post of Karnataka Pradesh Congress chief intensified, know who can get the responsibility

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