MP Politics Taja News: फ्लोर टेस्ट से पहले जयपुर से भोपाल लौटे कांग्रेस विधायक, यहां भी रहेंगे एक साथ
By गुणातीत ओझा | Updated: March 15, 2020 11:51 IST2020-03-15T11:51:35+5:302020-03-15T11:51:35+5:30
राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ से कहा है, ‘‘मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है। इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।’’

फ्लोर टेस्ट से पहले जयपुर से भोपाल लौटे कांग्रेस विधायक
भोपालः मध्यप्रदेश में एक पखवाड़े से जारी सियासी उथल-पुथल के बीच जयपुर में रुके कांग्रेस विधायकों को रविवार भोपाल बुलाया गया। कड़ी सुरक्षा घेरे में कांग्रेस विधायक आज रविवार को तकरीबन 11 बजे भोपाल पहुंचे। एयरपोर्ट पर उतरे विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया। विशेष विमान से लाए गए में विधायक भोपाल में एक जगह पर एक साथ रखे जाएंगे।
कल सोमवार को होगा विश्वास प्रस्ताव पर मतदान
राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं। राजभवन सूत्रों ने 'भाषा' को बताया कि राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि के आसपास कमलनाथ को ये निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि टंडन ने निर्देश दिए हैं, ''मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।'' इसके अलावा, राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं, ''विश्वासमत मतविभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने कहा है कि विश्वासमत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराएगी।
Madhya Pradesh Congress MLAs who were lodged in a resort in Jaipur, arrive in Bhopal. Governor Lalji Tandon has directed that a floor test be held in the assembly tomorrow pic.twitter.com/OKfUkuOb7t
— ANI (@ANI) March 15, 2020
कमलनाथ से बोले राज्यपाल, आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है
राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त संपूर्ण कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च 2020 को प्रारम्भ होगी और यह स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी। राज्यपाल ने ये निर्देश संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175 (2) एवं अपनी अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी कहा, ‘‘मुझे सूचना मिली है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है। मुझे भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को भेजे हैं और इन्हीं विधायकों ने अपने-अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है। 22 में से छह विधायक जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया।’’ राज्यपाल ने कहा है, ‘‘मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है। इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।’’
ज्योतिरादित्य के साथ 22 विधायकों ने दिया था इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि ‘‘कांग्रेस की उपेक्षा से परेशान होकर’’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं। इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरू में एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।