RJD पटना मुख्यालय के बाहर लगा नीतीश कुमार, सुशील मोदी का मजाक उड़ाने वाला पोस्टर, लिखा- नीति आयोग भारत सरकार से प्रमाणित
By एएनआई | Updated: January 3, 2020 13:37 IST2020-01-03T13:03:32+5:302020-01-03T13:37:47+5:30
लालू यादव की आरजेडी ने पोस्टर के जरिए बिहार की नीतीश कुमार की सरकार के काम पर तंज करते हुए लिखा "झूठ की टोकड़ी, घोटालों का धंधा" और नीचे नीति आयोग- भारत सरकार से प्रमाणित भी लिखा है।

माना जा रहा है कि पटना में कुछ दिन पहले राजद के खिलाफ लगाए गए पोस्टर के जवाब में ही यह पोस्टर लगाया गया है। (Photo- ANI)
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पटना स्थित अपने मुख्यालय के बाहर पोस्टर लगाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को झूठ की टोकरी बताया है।
आरजेडी ने पोस्टर के जरिए नीतीश कुमार की सरकार के काम पर तंज करते हुए लिखा "झूठ की टोकड़ी, घोटालों का धंधा" और नीचे नीति आयोग- भारत सरकार से प्रमाणित भी लिखा है। इस पोस्टर में नीतीश कुमार और सुशील मोदी के सिर पर एक टोकरी रखी है।
इससे पहले पटना के एक प्रमुख स्थान पर लालू यादव की राजद के बिहार में 15 साल के शासन के खिलाफ पोस्टर लगाया गया था जिसपर पूछा गया था- हिसाब दो। माना गया कि राजद के खिलाफ जदयू ने पोस्टर लगवाया था। हालाँकि उसपर किसी भी पार्टी का नाम नहीं था।
राजद ने उस पोस्टर के जवाब में ही यह ताजा पोस्टर लगवाया है। बिहार में पोस्टर वाल की पुरानी परंपरा है। बीजेपी-जदयू और राजद एक दूसरे के खिलाफ पहले भी पोस्टर लगवाकर हमला करते रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर में होने हैं लेकिन बिहार में सियासी सरगर्मी अब धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। नए साल की शुरुआत ही जदयू-राजद के पोस्टर वार से हुआ है।
आरजेडी और जदयू की दोस्ती-दुश्मनी
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू और आरेजडी ने महागठबंधन बनाकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। चुनाव में राजद-जदयू गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था। नीतीश कुमार पाँचवी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने और राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री और तेज प्रताप यादव ने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शपथ लिया था।
राजद और जदयू का यह गठबंधन करीब एक साल में ही टूट गया और जदयू ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकारब बना ली और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में बीजेपी नेता सुशील मोदी राज्य के उप- मुख्यमंत्री बने।
राजद तभी से जदयू और बीजेपी के गठबंधन को राज्य की जनता से मिले जनादेश के साथ विश्वासघात बताती रही है।