दिल्ली विधानसभा चुनावः कांग्रेस ने कहा, लोग भाजपा और आप की लड़ाई से ऊब गए हैं

By भाषा | Updated: January 7, 2020 13:08 IST2020-01-07T13:08:23+5:302020-01-07T13:08:23+5:30

चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा होने के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह उम्मीद जताई कि यह चुनाव पिछले चुनावों से अलग है क्योंकि लोग भाजपा और आम आदमी पार्टी की लड़ाई से ऊब गए हैं और कांग्रेस को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।

Delhi assembly elections: Congress said, people are bored with the fight between BJP and AAP | दिल्ली विधानसभा चुनावः कांग्रेस ने कहा, लोग भाजपा और आप की लड़ाई से ऊब गए हैं

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 9.7 फीसदी वोट मिले थे और उसे एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।

Highlightsदिल्ली में कांग्रेस के लिये चुनौतियों से भरी डगर, सिफर से शुरू करना होगा सफर।पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने दूसरे स्थान पर रहने के आधार पर यह दावा कर रही है कि उसे लड़ाई में खारिज नहीं किया जा सकता।

मजबूत संगठन और विश्वसनीय चेहरों के अभाव से जूझ रही कांग्रेस दिल्ली विधानसभा के चुनाव में इसबार बड़ी उम्मीदों के साथ मैदान में उतर रही है।

चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा होने के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह उम्मीद जताई कि यह चुनाव पिछले चुनावों से अलग है क्योंकि लोग भाजपा और आम आदमी पार्टी की लड़ाई से ऊब गए हैं और कांग्रेस को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।

देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल यह है कि तकरीबन सभी सियासी जानकार उसे तीसरी नंबर की पार्टी के तौर पर देख रहे हैं व पार्टी के पास विश्वसनीय चेहरे और मजबूत संगठन का भी अभाव है। हालांकि, पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने दूसरे स्थान पर रहने के आधार पर यह दावा कर रही है कि उसे लड़ाई में खारिज नहीं किया जा सकता।

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 9.7 फीसदी वोट मिले थे और उसे एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस अपने न्यूनतम आंकड़े पर चली गई थी। इसके दो साल बाद हुए नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के मत प्रतिशत में तेज उछाल आया और उसे 21 फीसदी वोट मिले।

पिछले साल के लोकसभा चुनाव में उसे 22.46 फीसदी वोट मिले, जो कांग्रेस के लिये हौसले को बढ़ाने वाला रहा। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को महज 18 फीसदी वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। लोकसभा चुनाव के आधार पर देखें तो कांग्रेस विधानसभा की 70 सीटों में से पांच पर आगे रही, जबकि शेष सभी 65 सीटों पर भाजपा आगे रही।

दिल्ली कांग्रेस की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख कीर्ति आजाद का कहना है कि इस चुनाव में लोग कांग्रेस पर विश्वास करेंगे और इसकी वजह झूठ की राजनीति से लोगों का परेशान होना और शीला दीक्षित के 15 साल के शासन में हुए विकास कार्य हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘‘दिल्ली के लोगों को पांच साल में यह महसूस हुआ कि विकास कौन कर सकता है। पिछले पांच वर्षों में सिर्फ झूठ की राजनीति हुई। केंद्र और दिल्ली की सरकार में बैठी पार्टियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया जिसका नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ा।

आप देखेंगे कि जनता फिर से हम पर विश्वास जताएगी। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का पुरजोर विरोध कर रही कांग्रेस को यह उम्मीद भी है कि उसके इस रुख के कारण पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ चला गया एक बड़ा वोट बैंक फिर से उसकी तरफ रुख करेगा जो उसे बहुत मजबूती दे सकता है।

पार्टी झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कालोनियों को फिर से अपनी तरफ लाने के प्रयास में भी जुटी है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा की सभी सीटों के लिये मतदान 8 फरवरी को और मतगणना 11 फरवरी को होने की सोमवार को घोषणा कर दी गई।

Web Title: Delhi assembly elections: Congress said, people are bored with the fight between BJP and AAP

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे