Coronavirus: शहीद का दर्ज़ा, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, सीएम बोले- जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 21, 2020 16:10 IST2020-04-21T15:50:46+5:302020-04-21T16:10:24+5:30
स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कोई भी काम राज्य के खिलाफ किया जाने वाला काम है।यदि कोई भी किसी ऐसे कार्य में शामिल पाया जाता है जैसे उनके काम में खलल डालना,बेइज्जती करना तो उनके खिलाफ कड़ी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी जिसमें NSA के प्रावधान शामिल हैं।

कर्मियों के अद्वितीय बलिदान की पहचान कर उनको सम्मानित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी। (photo-ani)
भुवनेश्वरः ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि भारत सरकार की पहल के साथ राज्य सरकार सभी स्वास्थ्य कर्मियों (निजी और सार्वजनिक) और अन्य सभी सेवाओं के सदस्य जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना जीवन खो देते हैं उन्हें 50 लाख रुपए की राशि प्रदान करेगी।
सीएम ने कहा कि राज्य उन्हें शहीद का दर्ज़ा देकर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करेगी। उनके बलिदान को पहचानते हुए पुरस्कारों की एक विस्तृत योजना स्थापित की जाएगी। ये पुरस्कार राष्ट्रीय दिवस पर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ एक शहीद की तरह व्यवहार करेगी। मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ केन्द्र सरकार की पहल का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से जान गंवाने वाले सभी निजी और सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य सहयोगी सेवाओं के सदस्यों के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मियों के अद्वितीय बलिदान की पहचान कर उनको सम्मानित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय दिवसों पर ये पुरस्कार दिए जाएंगे। पटनायक ने लोगों से अपील की कि वे डॉक्टरों, स्वास्थ्य पेशेवरों की नि:स्वार्थ सेवाओं और अन्य सहयोगी सेवाओं का आभार मानें और ‘‘उनके खिलाफ कोई भी कार्य राज्य के खिलाफ एक कार्य है’’। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों के काम का अपमान करने या बाधा पहुंचाने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ओडिशा में तीन उत्तरी जिलों में त्वरित दलों, विशेषज्ञों को भेजा गया
घनी आबादी वाले तीन उत्तरी जिलों के कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के रूप में सामने आने के साथ ही ओडिशा सरकार ने मंगलवार को इस बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वहां त्वरित कार्रवाई दलों (आरआरटी) और विशेषज्ञों को भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिलों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। राज्य में अब तक कोरोना वायरस के 79 मामले सामने आये हैं और इनमें से 23 मामले इन जिलों में हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 48 घंटे में कोरोना वायरस के 17 नये मामले सामने आये हैं। भद्रक और बालासोर में आठ-आठ मामले सामने आये हैं और सात मामले जाजपुर में हैं। एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि तीन जिलों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव एन बी धाल ने मंगलवार को वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों और राज्य त्वरित कार्रवाई दलों (आरआरटी) को वहां कदम उठाने को कहा गया है। पश्चिम बंगाल से लोगों के लौटने को लेकर चिंतित राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने को कहा है क्योंकि राज्य में सामने आये 74 में से कम से कम 24 मामलों का संबंध बंगाल से है।