कांग्रेस संगठन में फेरबदलः सबसे अधिक फायदा राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को, कद बढ़ा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 12, 2020 15:00 IST2020-09-12T15:00:46+5:302020-09-12T15:00:46+5:30

फेरबदल में सबसे बड़ा फायदा राहुल गांधी के वफादार रणदीप सिंह सुरजेवाला को हुआ है। सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं। इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है। उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है।

Congress Major reshuffle Ghulam Nabi Azad gets axe Randeep Surjewala biggest gainer | कांग्रेस संगठन में फेरबदलः सबसे अधिक फायदा राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को, कद बढ़ा

समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी।

Highlightsप्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है।24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है।

नई दिल्लीः कांग्रेस नेतृत्व ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया।

इसके साथ ही, पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सहयोग के लिए छह सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है।

आजाद हरियाणा, अंबिका जम्मू-कश्मीर, वोरा (पार्टी प्रशासन) और खड़गे महाराष्ट्र के प्रभारी की भूमिका में थे। फेरबदल में सबसे बड़ा फायदा राहुल गांधी के वफादार रणदीप सिंह सुरजेवाला को हुआ है। सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं। इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है। उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।

23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया

उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है। पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी।

इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का भी पुनर्गठन किया गया है। इसमें मिस्त्री के अलावा राजेश मिश्रा, कृष्णा गौड़ा, ज्योतिमणि और अरविंदर सिंह लवली को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य, 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए

नयी सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य, 26 स्थायी आमंत्रित सदस्य और नौ विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। अब तक महासचिव प्रभारी (उप्र-पूर्व) की जिम्मेदारी निभा रहीं प्रियंका गांधी वाद्रा को अब पूरे प्रदेश के प्रभारी का जिम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया है। पहले प्रदेश के पश्चिमी हिस्से का प्रभार ज्योतिरादित्य सिंधिया संभाल रहे थे जो कुछ महीने पहले ही भाजपा में जा चुके हैं।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला के कद में इजाफा करते हुए उनको कर्नाटक के लिए प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से कांग्रेस में वापसी करने वाले तारिक अनवर को महासचिव बनाकर केरल एवं लक्षद्वीप का प्रभार सौंपा गया है।

अब तक ओडिशा के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे जितेंद्र सिंह को महासचिव बनाकर असम की जिम्मेदारी दी गई है। असम के लिए महासचिव प्रभारी की भूमिका निभा रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब का प्रभार सौंपा गया है। अब प्रियंका, सुरजेवाला, अनवर, जितेंद्र सिंह, रावत, ओमन चांडी, मुकुल वासनिक, अजय माकन और वेणुगोपाल के तौर पर पार्टी में कुल नौ महासचिव होंगे। वेणुगोपाल अब भी संगठन का प्रभार देखेंगे।

नए प्रभारी भी नियुक्त किए हैं और कई प्रदेशों के प्रभार में फेरबदल भी किए

कांग्रेस नेतृत्व ने कई नए प्रभारी भी नियुक्त किए हैं और कई प्रदेशों के प्रभार में फेरबदल भी किए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को पार्टी प्रशासन, रजनी पाटिल को जम्मू-कश्मीर, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा दिनेश गुंडूराव को तमिलनाडु, पुडुचेरी और गोवा के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके साथ ही मणिकम टैगोर को तेलंगाना, चेल्लाकुमार को ओडिशा, एचके पाटिल को महाराष्ट्र, देवेंद्र यादव को उत्तराखंड, विवेक बंसल को हरियाणा, मनीष चतरथ को अरुणाचल प्रदेश एवं मेघालय, भक्त चरण दास को मिजोरम एवं मणिपुर तथा कुलजीत सिंह नागरा को सिक्किम, नगालैंड और त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है।

पत्र विवाद से जुड़े वरिष्ठ नेताओं में शामिल मुकुल वासनिक के पास पहले कई राज्यों का प्रभार था, लेकिन अब उनके पास सिर्फ मध्य प्रदेश का प्रभार होगा, हालांकि उन्हें सोनिया गांधी के सहयोग के लिए बनी विशेष समिति में जगह दी गई है। राजस्थान में पिछले दिनों बागी रुख अख्तियार करने वाले सचिन पायलट को इस फेरबदल में फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

पत्र लिखने वाले नेताओं मनीष तिवारी और शशि थरूर को भी फिलहाल कोई नयी जिम्मेदारी नहीं दी गई है, हालांकि जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बतौर स्थायी आमंत्रित सदस्य सीडब्ल्यूसी में वापसी की है। जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, अविनाश पांडे और प्रमोद तिवारी को भी सीडब्ल्यूसी का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। 

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