कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा- अमरिंदर और सिद्धू के बीच दूरियां हुईं कम, दोनों तरफ से मिले सकारात्मक संकेत

By भाषा | Updated: October 11, 2020 14:21 IST2020-10-11T14:21:29+5:302020-10-11T14:21:29+5:30

सिद्धू और बाजवा कृषि कानूनों के खिलाफ निकाली गई कांग्रेस की ‘खेती बचाओ यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर नजर आए थे और सभा को संबोधित किया था। पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू पहली बार कांग्रेस के किसी बड़े कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

clash between Amarinder and Sidhu, positive signs from both sides says Harish Rawat | कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा- अमरिंदर और सिद्धू के बीच दूरियां हुईं कम, दोनों तरफ से मिले सकारात्मक संकेत

फाइल फोटो

Highlightsहरीश रावत ने कहा कि अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच दूरियां कम हुईं हैं।उन्होंने कहा कि काम करने को लेकर दोनों तरफ से सकारात्मक संकेत भी मिले हैं।

नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कड़वाहट होने की लंबे समय से चली आ रही खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि दोनों नेताओं के बीच दूरियां कम हुईं हैं और साथ काम करने को लेकर दोनों तरफ से सकारात्मक संकेत भी मिले हैं। रावत ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन बतौर प्रभारी वह इसका प्रयास करेंगे तथा उनकी कोशिश है कि जल्द ही पूर्व क्रिकेटर की राहुल गांधी से मुलाकात हो जाए।

उन्होंने कहा कि सिद्धू यह समझते हैं कि कांग्रेस से बेहतर मंच उन्हें नहीं मिल सकता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के कामकाज से असंतुष्ट होने और दूसरा अध्यक्ष चुनने की जाखड़ की चुनौती संबंधी खबरों पर रावत ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के काम से असंतुष्टि नहीं जताई और यह गैर-जरूरी विवाद खड़ा किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह उम्मीद भी जताई कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों की नाराजगी का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा क्योंकि राहुल गांधी के हालिया पंजाब दौरे के समय बाजवा ने उनसे मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखी।

उल्लेखनीय है कि सिद्धू और बाजवा कृषि कानूनों के खिलाफ निकाली गई कांग्रेस की ‘खेती बचाओ यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर नजर आए थे और सभा को संबोधित किया था। पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू पहली बार कांग्रेस के किसी बड़े कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

रावत ने कहा, ‘‘सिद्धू को केंद्रीय नेतृत्व से कोई नाराजगी नहीं है। राहुल जी और प्रियंका जी के प्रति उनकी पूरी प्रतिबद्धता है। मगर उनको पंजाब में वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व के साथ खड़ा करना चुनौतीपूर्ण काम है। मेरा प्रयास है कि वह खड़े हों।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘सभी नेता राज्य में एक उद्देश्य के लिए काम करें और उसमें सिद्धू भी साथ खड़े हों। फिलहाल हमारा उद्देश्य किसानों के खिलाफ आए काले कानूनों के विरुद्ध लड़ना है।’’

यह पूछे जाने पर कि आगे सिद्धू की सरकार या संगठन में क्या भूमिका होगी तो रावत ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद कर रहा हूं कि दोनों में किसी एक तरफ से पहल होगी और शायद रास्ता निकल जाएगा। मैंने एक बात देखी है कि मुख्यमंत्री ने सिद्धू के अपने साथ चलने की इच्छा व्यक्त की है और सिद्धू ने भी कहीं नहीं कहा कि वह अमरिंदर सिंह के साथ नहीं चल सकते।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘दूरियां कम हुई हैं। कुछ प्रक्रिया आरंभ हुई है। हम चाहते हैं कि यह प्रक्रिया का जल्द पूरी हो। मेरा प्रयास रहेगा कि सिद्धू राहुल जी के साथ बैठकर बात करें। मेरा मानना है कि अपनी राय वह राहुल जी के समक्ष रखेंगे। मुझे विश्वास है कि वह राहुल जी की बात मान लेंगे।’’

रावत ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री से मेरी बात हुई है। उन्होंने सकरात्मक संकेत दिए हैं कि सिद्धू आएं और साथ काम करें। सिद्धू की तरफ से भी सकारात्मक संकेत मिले हैं। सिद्धू ने भी मुख्यमंत्री के बारे में कोई कड़वाहाट नहीं जताई है।’’ इस सवाल पर कि क्या भविष्य में सिद्धू पंजाब में कांग्रेस के चेहरा हो सकते हैं, पार्टी के प्रभारी ने कहा कि सिद्धू इस बात को समझते हैं कि उन्हें कांग्रेस से बेहतर कोई मंच नहीं मिल सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धू के साथ जिस तरह की जनभावना है और उनका अपना हुनर है, उनके चलते कांग्रेस से बेहतर मंच उनके लिए कोई और नहीं हो सकता। वह भी इस बात को समझते हैं। वह जानते हैं कि उनके और पंजाब के हित में यही है कि वह कांग्रेस और राहुल जी एवं प्रियंका जी के साथ खड़े हों। उन्होंने मुझसे कहा कि वह राहुल जी के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।’’

बाजवा और दूलों के मुद्दे पर रावत ने कहा, ‘‘राहुल जी पंजाब दौरे पर थे तो बाजवा की उनसे मुलाकात हुई। इसके बाद रैली में बाजवा ने बहुत सकारात्मक बातें की। दूलों बीमार हैं, हालांकि उनसे मेरी बात हुई है। पहले के बयान अतीत की बाते हैं और अब हम आगे की तरफ देखें। आज हम काले कानूनों के खिलाफ लड़ रहे हैं तो सब संयुक्त रूप से खड़े हों।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों तरफ से प्रयास है कि मामला आगे नहीं बढ़े और मेरा प्रयास यही रहेगा कि जो बातें उठी हैं, उनका समाधान निकाल लिया जाए।’’

गौरतलब है कि बाजवा और दूलों ने कुछ महीने पहले जहरीली शराब प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को हटाने की मांग की थी जिसके बाद पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात भी की थी। रावत ने बताया कि कृषि से जुड़े केंद्रीय कानूनों के संदर्भ में पंजाब विधानसभा में जल्द ही एक विधेयक पारित किया जाएगा और फिलहाल इसके कानूनी पहलुओं पर विचार चल रहा है।

उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल के मोदी सरकार से अलग होने को भाजपा और अकाली दल के बीच की नूरा-कुश्ती करार दिया और दावा किया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद अकाली दल फिर से सरकार का हिस्सा बन जाएगा। 

Web Title: clash between Amarinder and Sidhu, positive signs from both sides says Harish Rawat

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे