Central cabinet: अलीगढ़-हरदुआगंज फ्लाईओवर के निर्माण को मंजूरी, 1285 करोड़ की लागत, RRB में डाले जाएंगे 1340 करोड़ रुपये
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 25, 2020 05:07 PM2020-03-25T17:07:48+5:302020-03-25T17:07:48+5:30
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि इस फ्लाईओवर के निर्माण की मांग काफी समय से की जा रही थी और इसके बनने से भीड़भाड़ कम होगी। उन्होंने बताया कि इस फ्लाईओवर की लम्बाई 22 किलोमीटर होगी।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय को अलीगढ़-हरदुआगंज फ्लाईओवर के निर्माण को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि इस फ्लाईओवर के निर्माण की मांग काफी समय से की जा रही थी और इसके बनने से भीड़भाड़ कम होगी। उन्होंने बताया कि इस फ्लाईओवर की लम्बाई 22 किलोमीटर होगी। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इसका निर्माण कार्य 2024-25 में पूरा होने की संभावना है और इस पर 1285 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
मंत्रिमंडल ने कपड़ा, मेड अप निर्यात के लिये शुल्क प्रोत्सहन योजना की अवधि बढ़ायी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यात के लिए परिधान और चादर, कालीन जैसे मेड अप उत्पादों की खेप पर केंद्रीय और राज्य स्तरीय करों और शुल्कों का बोझ खत्म करने की योजना की अवधि बढ़ा दी है। परिधान और मेड अप की निर्यात खेप पर राज्य एवं केंद्र स्तरीय कर व शुल्कों की वापसी की यह योजना अब पहली अप्रैल से तब तक जारी रहेगी जब तक कि इसे निर्यात वस्तुओं पर कर और शुल्क वापसी की नयी योजना में समाहित न कर दिया जाए।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल के निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कपड़ा और मेड अप के निर्यात पर राज्य एवं केंद्रीय करो तथा शुल्कों से छूट की योजना की अवधि एक अप्रैल से आगे बढ़ाने को मंजूरी दे दी गयी है। यह योजना तबतक के लिये बढ़ायी गयी जबतक आरओडीटीईपी अमल में नहीं आती। आरओडीटीईपी निर्यातकों के लिये योजना है जिसके तहत निर्यातक निर्यात वाले वस्तुओं पर जो भी कर देते हैं, उसे वापस ले सकते हैं। उन्हें यह छूट उन करों पर मिलेगी जो मौजूदा योजनाओं या प्रणाली के तहत रिफंड या छूट के दायरे में नहीं आते।
सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 1340 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने को मंजूरी दी
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में 1,340 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने की योजना को मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में पूंजी डाले जाने से उनके दिए गए कार्जों (उनकी सम्पत्ति) पर भारांकित जोखिम की तुलना में उनका पूंजी आधार सुधरेगा। आआरबी को दी जाने वाली इस पूंजी के लिए केंद्र सरकार 670 करोड़ रुपये देगी और इनके प्रवर्तक बैंक इतनी ही राशि उपलब्ध कराएंगे।